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राम जी के बिना संस्कृति और मर्यादा की कल्पना ही नहीं हो सकती -प्रेमभूषण महाराज

राम जी के बिना संस्कृति और मर्यादा की कल्पना ही नहीं हो सकती -प्रेमभूषण महाराज
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अयोध्या

भारतीय संस्कृति की पहचान राम जी को छोड़कर की ही नहीं जा सकती राम जी के जीवन से ही सारी संस्कृतियों को पहचान मिली -जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य

संस्कृति उत्सव 2020 में सम्मानित हुई कई हस्तियां

अयोध्या l भगवान श्री राम भारतीय संस्कृति आधार है। बिना श्री राम के भारतीय संस्कृति की कल्पना करना संभव नहीं है। क्योंकि भगवान श्री राम त्रेता युग में अवतरित होकर के मर्यादा की स्थापना की और इस कलयुग में भी भगवान श्री राम द्वारा स्थापित मर्यादा भारतीय संस्कृत ही नहीं वरन विश्व के कई देशों में अनुसरण में लाई जा रही है। यह विचार भारतीय संस्कृति उत्सव 2020 की अध्यक्षता करते हुए श्रीराम वल्लभा कुंज वेदांती मंदिर के महंत रामशंकर दास वेदांती जी महाराज ने कही उन्होंने कहा की भगवान राम भारतीय संस्कृति के प्राण हैं और वर्तमान युग में उनके चरित्र का प्रचार करना जन जागरण करना लोगों को जागरूक करना बहुत आवश्यक हो गया है भारतीय संस्कृति परिवार को मैं बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं जो उन्होंने भगवान राम के चरित्र के प्रचार का बीड़ा उठाया है और जिसका शुभारंभ उन्हीं की जन्मस्थली अयोध्या से प्रारंभ की है। इसके पूर्व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के शिष्य महंत कमल नयन दास जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य, महंत रामशंकर दास जी महाराज ने श्री रामवल्लभा कुंज के प्रांगण में दीप प्रज्वलित कर भारतीय संस्कृति उत्सव 2020 का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्याभास्कर जी महाराज ने कहा भारतीय संस्कृति उत्सव 2020 से लोगों की निष्ठा जुड़ी हुई हैं और इसका प्रभाव हर तबके पर पड़ेगा l क्योंकि भगवान श्री राम की जन्म स्थली से यह कार्यक्रम प्रारंभ होकर देश विदेश के 51 स्थानों पर होगा। उन्होंने कहा भारतीय संस्कृति की पहचान राम जी को छोड़कर की ही नहीं जा सकती राम जी के जीवन से ही सारी संस्कृतियों को पहचान मिली है चाहे माता-पिता का प्रेम पति पत्नी का प्रेम हो सहोदर नहीं चचेरे भाइयों का प्रेम हो सभी संस्कृतियों मर्यादित रूप से रामजी से प्रारंभ हुई हैं और वर्तमान समय में इसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है और भारतीय संस्कृति उत्सव इस प्रचार प्रसार में अग्रणी भूमिका निभा रही है। मुख्य वक्ता मगध विश्वविद्यालय बोधगया के कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने कहा भगवान श्री राम भारतीय संस्कृत के मूल आधार है और मां सरयू के तट पर स्थित अयोध्या नगरी से इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रेरणादाई और मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा। रामकथा के मर्मज्ञ प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा राम जी के बिना संस्कृति और मर्यादा की कल्पना ही नहीं हो सकती है और यह भारतीय संस्कृति उत्सव लोगों में उत्साह और प्रेरणा भरने का कार्य करेगा। कार्यक्रम में उदया पब्लिक के चेयरमैन चंद्र प्रकाश त्रिपाठी पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत रामायणी कमला दास जी महाराज ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि भगवान श्री राम की धरती से भारतीय संस्कृति उत्सव 2020 का शुभारंभ किया गया है जो देश वदेश के 51 स्थानों पर अनवरत चलता रहेगा। कार्यक्रम का संचालन सिद्धार्थ नाथ त्रिपाठी ने किया।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में भारतीय संस्कृति उत्सव 2020 के तरफ से जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्याभाष्कर , वेदांती मंदिर के महंत राम शंकर दास जी महाराज , अधिकारी राजकुमार दास जी महाराज , रामकथा के मर्मज्ञ प्रेमभूषण जी महाराज , मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद , महंत कमला दास रामायणी महंत शशिकांत दास , महामंडलेश्वर महंत गिरीश दास , वरिष्ठ पत्रकार रमेश मिश्र , समाज सेवा के क्षेत्र में अनामिका सोनी सहित अन्य विभूतियों को भारतीय संस्कृति उत्सव के संयोजक शैलेंद्र मणि त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार रमेश मिश्र व हिमा बिंदु नायक ने अंगवस्त्र व सम्मान पत्र देकर के सम्मानित किया। इसके उपरांत दिल्ली से आए वरिष्ठ पत्रकार संजय सिंह द्वारा रचित रक्षा तंत्र नामक पुस्तक का विमोचन भी मंच पर उपस्थित संतों ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से शूलपाणि सिंह , विकास अग्रवाल ऐश्वर्या पांडे, वरिष्ठ पत्रकार भूपेन्द्रमणि त्रिपाठी सहित अयोध्या के दर्जनों संत महंत एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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