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ज़ैनब के कातिल को मिली 4 बार मौत की सज़ा

ज़ैनब के कातिल को मिली 4 बार मौत की सज़ा
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लाहौर: पाकिस्तान का बहु चर्चित रेप केस जैनब रेप एंड मर्डर केस, जिसने पाकिस्तान के साथ-साथ पूरी दुनिया को हिला दिया, के आरोपी को मौत की सजा सुना दी गयी है. ज़ैनब का 4 जनवरी को कसूर में अपनी चाची के घर के पास से अपहरण हो गया था, जिसके बाद जैनब का शव कचरे के ढेर में पांच दिन बाद मृत पाया गया.

इस केस में मुख्य आरोपी जैनब के पड़ोसी इमरान अली को दोषी बताया गया था, इमरान अली ने भी अपना गुनाह कुबूला था.

पाकिस्तान कोर्ट ने इस केस का फैसला महज डेढ़ महीने में कर दिया, पाकिस्तान के एक सरकारी अभियोजक ने कहा है की "अदालत ने आरोपी इमरान अली को जैनब के साथ-साथ आठ अन्य हत्या करने के अपराध में मौत की सजा सुनाई है, एटीसी (एंटी टेररिज्म कोर्ट) कोर्ट के जज सज्जाद अहमद ने यह फैसला आज सुनाया है."

जैनब हत्या केस ने पुरे देश को हिला के रख दिया था, जिसके बाद अनेकों जगह पर विरोध किये गए और अपराधी के लिए कठोर से कठोर दंड की मांग की गयी.

आस-पास के लोगों से जांच के दौरान बताया गया था की कसूर क्षेत्र में एक ही साल में और भी कई हत्या के मामले सामने आये हैं तो फॉरेंसिक लैब के डीएनए टेस्ट के बाद इमरान अली को जैनब के साथ-साथ अन्य हत्याओं का भी जिम्मेदार ठहराया गया था.

कादिर का कहना है कि अदालत ने शनिवार को मोहम्मद इमरान की उपस्थिति में फैसला सुनाया, इमरान को जनवरी में गिरफ्तार किया था, इमरान को जैनब की हत्या के दो हफ्ते बाद गिरफ्तार किया गया था, जब जैनब का शव एक कचरे के ढेर में मृत पड़ा हुआ था

कादिर कहते हैं कि इमरान को अपील करने का अधिकार है, लेकिन वह इस फैसले को चुनौती नहीं दे सकता है क्योंकि उसने परीक्षण के दौरान अपने अपराधों को कबूल किया था.

क्या था मामला

4 जनवरी को कसूर में जैनब , जो की मासूम सात साल की थी, जैनब के माता-पिता उमराह करने गए थे, जिस वजह से जैनब अपने चाचा-चची के साथ घर में मौजूद थी, जैनब का अपहरण कर लिया गया और फिर कुछ दिनों बाद जैनब का शव एक कूड़े के ढेर में मृत पाया गया, इस हत्या में मुख्य आरोपी इमरान अली को बताया गया, जो की जैनब का पडोसी था, 1000 से अधिक डीएनए के सैंपल लेने के बाद इमरान अली को गिरफ्तार कर लिया गया था, इमरान अली ने अपना गुनाह भी कुबूला था, इमरान अली के पुराने वकील ने यह केस लड़ने से इंकार कर दिया था और कहा था की "इमरान द्वारा गुनाह कुबूले जाने के बाद उनका दिल इस बात के लिए गवाही नहीं दे रहा की वह इस केस को लड़ सकें."
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