ऑस्ट्रिया में बुर्के और नकाब पर बैन, मुस्लिम समूहों ने की आलोचना
BY Anonymous1 Oct 2017 11:47 PM GMT
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Anonymous1 Oct 2017 11:47 PM GMT
ऑस्ट्रिया में सार्वजनिक जगहों पर पूरी तरह से चेहरे को ढकने वाले नकाब पर प्रतिबंध से संबंधित कानून रविवार से प्रभावी हो गया। इस तरह अब महिलाएं सार्वजनिक जगहों पर नकाब नहीं पहन सकेंगी। बीबीसी की रपट के मुताबिक, सरकार के अनुसार, कानून में कहा गया है कि माथे से ठोड़ी तक का चेहरा जरूर दिखना चाहिए, यह ऑस्ट्रियाई मूल्यों की सुरक्षा के लिए है। यह कानून इस महीने के अंत में होने वाले आम चुनाव से पहले लागू किया गया है और माना जा रहा है कि इससे धुर दक्षिणपंथी फ्रीडम पार्टी को लाभ पहुंच सकता है।
मुस्लिम समूहों ने इस कानून की आलोचना की है। मुस्लिम समूहों ने कहा है कि सिर्फ 150 ऑस्ट्रियाई मुस्लिम महिलाएं पूरे चेहरे का बुर्का पहनती हैं। कानून मुस्लिमों के परदे बुर्का या नकाब पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन साथ ही यह मेडिकल फेस मास्क व जोकरों के मेकअप पर भी प्रतिबंध लगाता है। फ्रांस व बेल्जियम ने बुर्का पर प्रतिबंध 2011 में लागू किया था और इसी तरह का कदम नीदरलैंड (डच) की संसद उठाने जा रही है।
जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि जहां तक कानूनी रूप से संभव हो सके जर्मनी में पूरी तरह से चेहरे को ढकने वाले नकाब पर प्रतिबंध लागाया जाना चाहिए। हांलाकि ब्रिटेन में नकाब या बुर्का पर कोई पाबंदी नहीं है। ध्यान रहे कि पूरे चेहरे के नकाब या बुर्के पर प्रतिबंध को लेकर पिछले काफी समय से खबरें अलग-अलग देशों से आ रही हैं। कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया में एक सीनेटर बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की मांग की अपनी मुहिम के मद्देनजर संसद में बुर्का पहनकर आई थी।
पाउलिन हैंसन नाम की इस सांसद के इस कदम की ऑस्ट्रेलियाई सांसदों ने कड़ी निंदा की थी। कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी, प्रवासी विरोधी और और घोर-राष्ट्रवादी 'वन नेशन पार्टी' की नेता हैंसन ने दस मिनट से ज्यादा समय के लिए सिर से लेकर टखने तक काले रंग का बुर्का पहना था। उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा था कि वह चाहती हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर ऐसे लिबास पहनने पर रोक लगाई जाए।
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