आतंक के खिलाफ बड़ी सफलता: अमेरिका ने सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया
BY Suryakant Pathak26 Jun 2017 11:18 PM GMT
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Suryakant Pathak26 Jun 2017 11:18 PM GMT
अमेरिका ने सोमवार को हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शिखर बैठक से ठीक पहले उठाया गया है।
हिजबुल आतंकी सैयद सलाहुद्दीन का असली नाम मोहम्मद युसुफ शाह है। अमेरिकी विदेश विभाग ने उसे एक्जीक्यूटिव आर्डर 13224 की धारा 1(बी) के तहत विशेष रूप से वैश्विक आतंकी घोषित किया है। यह कार्रवाई उस विदेशी व्यक्ति के खिलाफ की जाती है जिसके आतंकी गतिविधि, अमेरिका की अर्थव्यवस्था, विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा या अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा को खतरा होता है।
संपत्ति जब्त कर ली जाएगी
अमेरिका के इस कदम के तहत कोई भी अमेरिकी नागरिक सलाहुद्दीन के साथ कोई वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकेगा। साथ ही हिजबुल आतंकी की अमेरिकी न्यायक्षेत्र के तहत आने वाली सभी संपत्तियों को जब्त किया जा सकेगा।
जवानों की कब्रगाह बनाने की धमकी दी थी
सलाहुद्दीन ने सितंबर 2016 में कश्मीर संघर्ष के किसी भी शांतिपूर्ण समाधान को नहीं मानने की चेतावनी दी थी। उसने धमकी दी थी कि वह कश्मीरी युवकों को आत्मघाती हमलावर बनाकर कश्मीर घाटी को भारतीय सुरक्षा बलों की कब्रगाह बना देगा।
कई हमलों का कसूरवार
सलाहुद्दीन के हिजबुल सरगना रहने के दौरान इस आतंकी गुट ने कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली। इसमें जम्मू-कश्मीर में अप्रैल 2014 में हुए बम धमाका भी शामिल है, जिसमें 17 लोग घायल हुए थे।
भारत ने स्वागत किया
भारत ने अमेरिका द्वारा सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने का स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि यह कदम दिखाता है कि दोनों देश आतंकवाद के खतरे का सामना कर रहे हैं और दोनों इसके खिलाफ जंग के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कौन है सलाहुद्दीन
पढ़ाई के दौरान कट्टरपंथ की ओर झुकाव
1946 में कश्मीर के बडगाम में जन्म हुआ। उसके पिता भारत सरकार के डाक विभाग में कर्मचारी थे। यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर में पढ़ाई के दौरान सलाहुद्दीन जमात-ए-इस्लाम के संपर्क में आया। यहीं से कट्टरपंथ की ओर बढ़ा झुकाव और मदरसे में शिक्षक बन गया।
1989 में हिजबुल में शामिल
1987 में जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी लड़ा पर हार गया। हिंसक प्रदर्शन के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया। 1989 में रिहा होने पर सलाहुद्दीन हिजबुल में शामिल हो गया, तब मुहम्मद अहसान डार संगठन का प्रमुख था। बाद में आईएसआई का साथ मिलने पर सलाहुद्दीन खुद चीफ बन बैठा।
पीओके में ठिकाना
सलाहुद्दीन पीओके में रहता है और वहां यूनाइटेड जिहाद काउंसिल नामक संगठन भी चलाता है। पठानकोट एयरबेस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी यूनाइटेड जिहाद काउंसिल ने ली थी।
सात बच्चे
इंटेलीजेंस के सूत्रों के मुताबिक सलाहुद्दीन पाकिस्तान के सेफ हाउस से आतंकी एक्शन्स को कंट्रोल करता है। वह बडगाम में अपने परिवार के साथ लगातार संपर्क में है। उसके पांच बेटे और दो बेटियां हैं।
कश्मीर में आतंक की साजिश
सलाहुद्दीन ने एक वीडियो जारी कर हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की शहादत दिवस मनाने का फैसला किया। उसने राज्य में जगह विरोध प्रदर्शनों की लोगों से अपील की है।
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