Janta Ki Awaz
Uncategorized

व्हाइट हाउस की तरह होगी सीएम के नए ऑफिस की सुरक्षा, रहेगी हाइटैक कैमरों की निगाह

मुख्यमंत्री के नए कार्यालय भवन की सुरक्षा अमेरिका के व्हाइट हाउस की तरह होगी। विधान भवन के ठीक आगे बन रहे नवीन सचिवालय की सुरक्षा को पूरी तरह आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा।

पूरे कैंपस में हाईटेक कैमरों की निगाह रहेगी। कोई हथियारबंद सुरक्षाकर्मी कैंपस में नजर नहीं आएगा। बुधवार को नवीन सचिवालय का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक करने के निर्देश दिए।

उनके साथ गृह सचिव देवाशीष पांडा, डीजीपी जावीद अहमद, आईजी सुरक्षा मुथा अशोक जैन भी साथ रहे। नवीन सचिवालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, सभागार, कैबिनेट रूम में निर्माण की गुणवत्ता के साथ आपातकालीन हालात के समय सुरक्षा की योजना की जानकारी भी उन्होंने ली।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने बी ब्लॉक में बने 600 सीट के सभागार, कैबिनेट बैठक के लिए बने हॉल और मुख्यमंत्री कार्यालय में भी सुरक्षा बंदोबस्त में कमी पाई।

उन्होंने गृह सचिव देवाशीष पांडा और आईजी सुरक्षा से कहा कि नवीन सचिवालय की सिक्योरिटी को व्हाइट हाउस की तरह बनाया जाए। उनका कहना था कि व्हाइट हाउस में सुरक्षा को तकनीक की मदद से मजबूत किया गया है।

वहां हथियार लेकर सुरक्षाकर्मी घूमते नजर नहीं आते। इसके बाद भी उनकी सुरक्षा अभेद्य होती है। यूपी क्षेत्रफल और आबादी में दुनिया के कई देशों से बड़ा है। ऐसे में यहां के मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था भी महत्वपूर्ण होनी चाहिए।




विधानसभा के आगे नहीं खड़े होंगे वाहन




उन्होंने डीजीपी जावीद अहमद को भी मुख्य गेट से आम आदमी से लेकर मुख्यमंत्री और अन्य वीआईपी के ट्रैफिक प्लान और सुरक्षा की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

इन बिंदुओं पर नए सिरे से बनेगी सिक्योरिटी की योजना
- सीसीटीवी और फेस स्कैनर कैमरा का उपयोग बढ़ेगा
- पूरे कैंपस का ट्रैफिक प्लान बनेगा। विधानसभा के आगे वाहन खड़े न हों, ऐसी व्यवस्था की जाएगी।
- मुख्य गेट पर लैंड स्केपिंग को बेहतर बनाया जाएगा

- सभागार, मुख्यमंत्री कार्यालय सहित पूरे बी-ब्लॉक के आपातकालीन निकास की समीक्षा आईजी सुरक्षा कराएंगे
- कैंपस में हथियारबंद सुरक्षाकर्मी नहीं बल्कि हाईटेक सिक्योरिटी का प्लान।

निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि मैं नवीन सचिवालय का निर्माण पूरा होने के लिए कोई डेडलाइन तय नहीं कर सकता। अगर इसके निर्माण और सुरक्षा से मैं संतुष्ट नहीं हुआ तो निर्माण अभी पूरा नहीं हो पाएगा।

मेरी प्राथमिकता में मुख्यमंत्री कार्यालय को पूरी तरह सुरक्षित और योजनाबद्ध बनाना है। उन्होंने कहा कि इमारत का निर्माण करना बहुत आसान है लेकिन उसका सुरक्षित तरीकेसे संचालन करना मुश्किल होता है।

अभी इमारत निर्माणाधीन है, ऐसे में इसमें जरूरी बदलाव भी संभव हैं। एक बार उपयोग शुरू होने के बाद इसमें बदलाव कराना मुश्किल हो जाएगा।





सचिवालय सुविधाओं से होगा लैस


छह एकड़ में बन रहा नवीन सचिवालय का बजट अपने निर्माण के समय ही 217 करोड़ रुपये बढ़ गया है। पहले इसका बजट 341 करोड़ रुपये था। अब इसे बढ़ाकर 558 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

परियोजना प्रबंधक प्रमोद यादव ने बताया कि विधानसभा और मॉडर्न इमारतों के आर्किटेक्चर को मिलाकर नवीन सचिवालय का डिजाइन तैयार किया गया है। सचिवालय तीन ब्लॉक में बनेगा। ए ब्लॉक में दो मंजिला बेसमेंट में सिर्फ पार्किंग होगी।

बी-ब्लॉक में छह मंजिल में मुख्यमंत्री, कैबिनेट, मुख्य सचिव के कार्यालय होंगे। आठ मंजिला सी-ब्लॉक में दूसरे अधिकारियों और स्टाफ के कार्यालय रहेंगे। ए व बी ब्लॉक 15 अगस्त तक बन जाएंगे। वहीं दिसंबर तक सी ब्लॉक का निर्माण हो जाएगा।

पुराने भवन की तरह नवीन सचिवालय में भी मुख्यमंत्री पंचम तल से सूबे का कामकाज देखेंगे। पंचम तल पर ही कैबिनेट की बैठक के लिए सभागार बनाया गया है। दोनों ही कार्यालय बी ब्लॉक में होंगे।

मुख्यमंत्री की अपने कार्यालय में पहुंचने के एंट्री प्रथम तल से होगी। वहां उनकी गाड़ियां सीधे एक कारीडोर से पहुंचेंगीं। यहां से लिफ्ट से वह सीधे पंचम तल तक जाएंगे। पंचम तल से ही बी और सी ब्लॉक को हैंगिंग ब्रिज से जोड़ने की योजना है।




Next Story
Share it