Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

BJP सांसद धर्मेन्द्र कश्यप बोले, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने सती प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद की

BJP सांसद धर्मेन्द्र कश्यप बोले, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने सती प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद की
X

बरेली। महान शासक और मालवा प्रांत की महारानी अहिल्या बाई होल्कर की आज (31 मई को) 295 वीं जयंती है। महारानी अहिल्या बाई होल्कर का नाम भारतीय इतिहास की सर्वश्रेष्ठ योद्धा रानियों में शुमार है। बीजेपी सांसद धर्मेन्द्र कश्यप ने कहा उनके शासनकाल के दौरान मराठा मालवा साम्राज्य ने सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ। अहिल्या बाई होल्कर ने देशभर में कई हिंदू मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया। अहिल्याबाई एक बहुत अच्छी प्रशासक थी और इंदौर शहर उनके शासनकाल के दौरान इसका गवाह बना। सांसद ने कहा कि उन्होंने अपने राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में पानी की टंकियों, सडक़ों, घाटों, धर्मशालाओं आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए निर्माण करवाया। यूपी के बरेली की आंवला लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद धर्मेन्द्र कश्यप ने महारानी अहिल्या बाई होल्कर की जयंती पर उन्हें स्मरण कर नमन किया। उन्होने अहिल्याबाई होल्कर के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने सती प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद की।

देश की धरा को अपने पुनीत चरणों से धन्य करने वाली महारानी, जिनका पवित्र नाम लेते ही शीश आदर से स्वयमेव झुक जाता है, ऐसी हम सबकी श्रद्धेय माता अहिल्याबाई होलकर की जयंती पर उनके चरणों में कोटिश: नमन। सांसद ने अहिल्याबाई होल्कर के अतुल्नीय कामों को स्मरण कर कहा 'तालाब,कुएं, बावडिय़ां, सडक़ें, प्याऊ, सराय, भूखों के भोजन के लिए अन्नसत्र बनवाने वाली महारानी अहिल्याबाई होलकर ने सदैव 'संपति सब रघुपति कै आही' के ध्येय वाक्य को आत्मसात कर शासन किया। ऐसी महान देवी के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।

सांसद की बेटी कीर्ति कश्यप ने अहिल्या बाई होल्कर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा महान वीरांगना, त्याग एवं जन सेवा की मूर्ति राजमाता अहिल्याबाई होलकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन करती हूं।

मीडिया प्रभारी ने ट्वीट कर लिखा



सांसद के मीडिया प्रभारी राहुल कश्यप ने महारानी अहिल्याबाई के पराक्रम को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'एक शासिका जिसने शत्रुओं को दिखा दिया की स्नेह, प्रेम और समर्पण की मूर्ति जब हाथ में तलवार लेकर रणभूमि में उतरती है तो शत्रुओं को भी पीछे भागने पर विवश होना पड़ता है..ऐसी पावन माँ अहिल्याबाई को जयंती शत-शत् नमन।

Next Story
Share it