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उत्तर प्रदेश

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
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वाराणसी

केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के कुलपति प्रो नंद कुमार यादव 'नंदू' ने कहा कि कोरोना संकट से बचने के लिए लॉक डाउन अपरिहार्य था। सरकार ने सही समय पर उचित कदम उठाया। मीडिया भी सरकार का सहयोग कर रही है। दोनों साथ साथ चल रहे हैं। तभी इस महामारी को ज्यादा फैलने से रोक गया। मीडिया अब भी विश्वसनियता कायम रखी है।

प्रो. नन्द कुमार महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में रविवार को 'कोविड-19 का संक्रमण: सरकार एवं मीडिया' विषय पर आयोजित दो दिवसीय वेबिनार के अंतिम दिन मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन में मानव को नया अनुभव भी हुआ है। अवसाद में लोग जीना सीख गए। उन्होंने कहा सरकार की आलोचना करते समय समाधान भी बताना चाहिए।

वेबिनार का आयोजन महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग और प्रशिक्षित पत्रकार एसोसिएशन, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार और चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा, हरियाणा के पूर्व कुलपति प्रो आर शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार और मीडिया दोनों महत्वपूर्ण है। मीडिया सत्ता और समाज को जोड़ती है। आज के संकट में दोनों जुड़ कर काम कर रहे हैं। लोकतंत्र में प्रेस की स्वतंत्रता जरूरी है क्योंकि वह जनता की आवाज उठाती है। मीडिया सरकार को समय समय पर आगाह करती है। मीडिया कोरोना संकट में जोखिम भरा काम कर रही है। सरकार स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मचारियों आदि का सम्मान कर रही। सरकार को चाहिए कि मीडिया के लोगों का भी सम्मान करे।

स्कूल ऑफ मॉडर्न एनर्जी स्टडीज देहरादून के डीन एवं आई आई एम सी नई दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो केजी सुरेश ने कहा कि मीडिया कोरोना संकट में सरकार के साथ चल रही है। लोगों में जागरूकता फैलाने का काम कर रही है। जान जोखिम में डालकर खबरें जुटा रही है। इसके बावजूद मीडिया अंदरुनी संकट से गुजर रही है। मीडिया तो समाज का नेतृत्व कर रही है। उसे समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया सकारात्मक पक्ष को भी उजागर करे। सरकार को भी आलोचना को सकारात्मक दृष्टि से देखने की जरूरत है। फेक न्यूज की सत्यता की भी जांच होनी चाहिए।

जी न्यूज नई दिल्ली के वरिष्ठ संवाददाता एवं राजनीतिक विश्लेषक श्री रवि त्रिपाठी ने कहा कि इस त्रासदी के समय मीडिया सरकार के साथ खड़ी है। हर मोड़ पर सरकार का साथ दे रही है। सरकार मीडिया की तारीफ तो कर रही है लेकिन उसने अभी तक मीडिया को स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं प्रदान की जबकि जोखिम उठा कर मीडिया काम कर रही है। सरकार को मीडिया के लिए भी कुछ करना चाहिए।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो टीएन सिंह ने कहा कि मीडिया को चौथा सतम्भ नहीं चौथी सम्पति माननी चाहिए। इसका उपयोग जनपयोगी कार्यों में होना चाहिए। मीडिया में फेक न्यूज, साक्ष्यविहीन न्यूज, भ्रमित सूचना और प्रोपोगंडा समाज के लिए घातक है। ये सोशल मीडिया में ज्यादा आते हैं। सोशल मीडिया का दायित्व भी तय होना चाहिए। इसपर नियंत्रण जरूरी है। मीडिया द्वारा सरकार को सचेत करना अच्छी बात है लेकिन छोटी छोटी बातों को बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत करना अच्छी बात नहीं है।

संगोष्ठी का सार प्रस्तुत करते हुए पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के शिक्षक डॉ अरुण कुमार शर्मा ने कहा कि 'कोविड-19 का संक्रमण: सरकार एवं मीडिया' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार में विभिन्न स्थानों के कई विद्वान वक्ता और विशेषज्ञों ने अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। इस दो दिनों के मंथन में जो निष्कर्ष सामने आए हैं वे समाज व देश के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। वक्ताओं ने कोरोना मामले में सरकार के कार्यों एवं प्रयासों को सराहा तो दूसरी तरफ कुछ खामियों के प्रति आगाह भी किया। इसी तरह मीडिया की भूमिका पर विद्वानों के विचार भी बहुत ही संतुलित रहे। मीडिया की भूमिका की सराहना हुई लेकिन उसपर सवाल उठाकर उसे घेरने की चेष्टा भी की गई। खासकर सोसल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की आलोचना भी की गई। विद्वानों ने उनकी कमियों को दूर करने के लिए सुझाव भी दिए।वेबीनार का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रशिक्षित पत्रकार एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के शिक्षक एवं कार्यक्रम आयोजक डॉ रमेश कुमार सिंह ने किया।

स्वागत पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रभारी एवं मुख्य गृहपति डॉ विनोद कुमार सिंह ने किया।

कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ० अवध बिहारी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया ने इस आपदा काल में लोगों को बहुत ही अच्छे तरह से जागरूक किया है। इस दौरान मीडिया ने लोगों को बताया कि विकास के पश्चिमी मॉडल की बजाय गांधी का मॉडल ही अच्छा एवं मानवहित में है। राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि कोविड के दौरान मीडिया एवं सरकार के बीच सामंजस्य सराहनीय है। मीडिया ने सरकार की tकार्यप्रणाली को न केवल लोगों तक पहुंचाया बल्कि कई मानवीय कार्य भी किये है। सरकार की सराहना करते हुए इन्होंने कहा कि सरकार ने बड़ी आपदा होने बावजूद खाद्य एवं चिकित्सकीय संकट नहीं उत्पन्न होने दिया। सरकार के इस कार्य में सरकार के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रम अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने न केवल शरीरिक तौर पर, बल्कि आर्थिक रूप से भी सहयोग दिया। कार्यक्रम के इस तकनीकी सत्र में अखिलेश भाटिया ने कोरोना संकट में मीडिया की भूमिका, डॉ० प्रदीप कुमार ने कोरोना काल में ई-शिक्षा की चुनौतियों, डॉ० धीरज शुक्ला ने भारतीय समाचार चैनल की कोविड-19 के समय भूमिका विषय पर शोध पत्र का वाचन भी किया। इसी क्रम में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ० अरुण कुमार शर्मा ने इस दो दिवसीय वेबिनर में कोरोना के दौर में सरकार और मीडिया पर हुई विस्तृत चर्चा की रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र का संचालन डॉ० रमेश सिंह ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ० नागेन्द्र पाठक ने किया। इस कार्यक्रम में डॉ० मनोहर लाल, डॉ० प्रभा शंकर मिश्र, डॉ० नागेन्द्र पाठक, डॉ० शिव जी सिंह, डॉ० प्रदीप कुमार, डॉ० विनय सिंह, डॉ० अजय कुमार वर्मा, डॉ० रश्मि श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में प्रतिभागी छात्र-छात्राएं उपस्थ्ति रहें।

वाराणसी से महेश पाण्डेय की रिपोर्ट

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