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उत्तर प्रदेश

पहाड़ों पर मानक की धज्जियां उड़ाकर रोज की जा रही है ब्लास्टिंग

पहाड़ों पर मानक की धज्जियां उड़ाकर रोज की जा रही है ब्लास्टिंग
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मिर्जापुर

खबर मिर्जापुर के अहरौरा से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं कर रहे अधिका जमुई मार्ग के किनारे स्थित चक जाता पहाड़ के पास बने प्राथमिक विद्यालय एवं आसपास स्थित घरों में मंगलवार के दोपहर बगल स्थित खदानों में हुई ब्लास्टिंग से पत्थर के कई टुकड़े गिरे। जिससे बच्चों सहित विद्यालय पर मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। संयोग अच्छा रहा कि किसी को चोट नहीं आई। पत्थर गिरने का लोगों ने जोरदार विरोध किया और मानकों को ताक पर रखकर हो रहे ब्लास्टिंग को तत्काल बंद कराने की मांग किया।

प्राथमिक विद्यालय चकराता के प्रधानाध्यापक गोपाल ने बताया कि दोपहर में मध्य अवकाश के समय बच्चों को खाना खाने के लिए छोड़कर फील्ड में बैठकर बच्चों को देख रहे थे। उसी समय लगभग 1 किलो का पत्थर का टुकड़ा कुर्सी पर गिरा। साथ ही विद्यालय में अन्य टुकड़े गिरे। बच्चे पत्थर का टुकड़ा गिरता देख अपने अपने कमरे में छिप गए। जिससे कोई घायल नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि प्राथमिक विद्यालय में पूर्व में भी पत्थर का टुकड़ा गिर चुका है। जिसकी शिकायत लिखित रूप से उच्चाधिकारियों से की गई है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है।

विद्यालय के सामने स्थित घरों में रहने वाली मंजू देवी, श्यामसुंदर, सोहनलाल, गुड्डू, रामविलास, राजेंद्र, त्रिलोकी इत्यादि ने बताया कि उनके घरों में भी पत्थर के कई टुकड़े गिरे। पुलिस से शिकायत भी किया गया। लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। आए दिन पत्थर के टुकड़े विद्यालय व हम लोगों के घरों में गिरते हैं। अगर यही स्थिति रही तो विद्यालय में हम लोगों के बच्चे और असुरक्षित हैं। उनको हम लोग विद्यालय नहीं भेजेंगे। मांगों को दरकिनार कर ब्लास्टिंग किया जाता है। चक जाता पहाड़ पर स्थित खनन स्थलों में एक बड़ी कंपनी द्वारा मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए प्रतिदिन ब्लास्टिंग किया जाता है। जब स्थानीय लोग विरोध करते हैं तो उनको धमकी दी जाती है और सूचना देने पर विभाग भी कोई कार्यवाही नहीं करता।

बिना लाल झण्डी लगाये हो रही है ब्लास्टिंग

ब्लास्टिंग से लोगों को राह चलना दूभर हो जाता है। क्षेत्र के पहाड़ियों में बिना लाइसेंस के अधिकारियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से होने वाले ब्लास्टिंग से लोगों का जीना दुर्लभ हो गया है। पहाड़ों के किनारे स्थित घरों स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की जान हरदम जोखिम में है। ब्लास्टिंग से पूर्व नहीं लाल झंडी लगाई जाती और ना ही एलाउंस किया जाता। बिना किसी पूर्व सूचना के पहाड़ों में हो रहे धुआंधार ब्लास्टिंग से पत्थर के टुकड़े होने के साथ ही भूकंप जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है और चारों तरफ धूल धूल गुब्बार भर जाता है। जिससे लोगों का सांस लेना दुर्लभ हो जाता है।

क्या कहते जिम्मेदार अधिकारी

इस संबंध में खान अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि ब्लास्टिंग की सूचना मिली है लोगों ने विद्यालय में एवं घरों में पत्थर के टुकड़े गिरने की शिकायत की है। मैं जांच कराकर तत्काल कार्रवाई करूंगा।

मिर्जापुर से बृजेन्द्र दुबे की रिपोर्ट

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