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उत्तर प्रदेश

निर्माण को लेकर असमंजस की स्थिति में फंसा विंध्य क्षेत्र:राजन पाठक

निर्माण को लेकर असमंजस की स्थिति में फंसा विंध्य क्षेत्र:राजन पाठक
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मीरजापुर

विंध्य कॉरिडोर के निर्माण को लेकर असमंजस की स्थिति में फंसे विंध्य क्षेत्र के नागरिकों के संगठन विन्ध्य जन संघर्ष समिति ने सोमवार जिला प्रशासन को पत्रक सौंपा। पत्रक में लोगों को न्याय के साथ ही व्यापारियों तथा मकान मालिकों को सहूलियत दिए जाने की मांग की।

जिला प्रशासन को सौंपे गए पत्रक में कहा गया है कि विंध्यवासिनी धाम में मनमाने तरीके से मकान-दुकानों का नाप-जोख किया जा रहा है। बिना किसी योजना के कर्मचारी मनमाने ढंग से नापी कर रहे हैं। उसके बाद निशान लगा कर लोगों को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए छोड़ जा रहे हैं। जिसके विरोध में 18 जनवरी को विन्ध्याचल में बंदी पूर्णतः सफल रहा । पत्र में कहा गया है कि हम लोग शांतिप्रिय लोग हैं। बढ़ती बेरोजगारी से क्षेत्र भी अछूता नहीं है। रोजगार देने की बजाय लोगों को बेरोजगार करने की साजिश रची जा रही है।

जिला प्रशासन अब तक कोई ठोस योजना नहीं बना सका है। खाका खींचने के बाद ही विन्ध्य कारिडोर में हाथ लगाया जाम। अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कभी 30 फीट तो कभी 50 फीट की नापी की गयी। हद तो तब हो गयी जब एक टीम ने 120 फीट की नापी की बात कह कर फीता पटकना चाहा। जिससे आदेश की कापी मांगे जाने पर टीम वहा से खिसक गयी। जिला प्रशासन की नीति से स्थानीय लोग भयभीत है। सरकार की मंशा लोगों को भय मुक्त रखने की है, जबकि जिला प्रशासन भयाक्रांत कर लोगों का शोषण करने का आरोप लगाया गया है।

पत्र सौंपने वालों में समिति के अध्यक्ष राजन पाठक, भानु पाठक, रामबाबू चौरसिया, लल्लू मोदनवाल, पिंटू, रामानंद, शंकर मोदनवाल, श्याम चौरसिया, रिशु गुप्ता, महेंद्र मोदनवाल, गया प्रसाद चौरसिया, संजय कुमार, संतलाल, रामनरेश एवं अजय चौरसिया समेत दर्जनों लोग रहे।

मिर्जापुर से बृजेन्द्र दुबे की रिपोर्ट

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