राबर्ट वाड्रा की जमानत रद्द करने के लिए हाईकोर्ट पहुंची ईडी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांडरिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा को मिली अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। वाड्रा को एक ट्रायल कोर्ट ने अग्रिम जमानत प्रदान की थी।
Enforcement Directorate (ED) approaches Delhi High Court seeking bail cancellation of Robert Vadra in a money laundering case. A trial court had recently granted him anticipatory bail. pic.twitter.com/QZftuXK1VE
— ANI (@ANI) May 24, 2019
एक अप्रैल को मनी लांड्रिंग मामले में वाड्रा को विशेष सीबीआई अदालत से अग्रिम जमानत मिली थी। अदालत ने वाड्रा और उनके करीबी मनोज अरोड़ा को पांच लाख रुपये के बेल बॉन्ड पर अग्रिम जमानत की अनुमति दी थी।
अदालत ने जमानत के साथ यह शर्त भी लगाई थी कि रॉबर्ट वाड्रा और मनोज अरोड़ा दोनों ही पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकते हैं। दोनों को जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग देना होगा। साथ ही चेतावनी दी गई थी कि सबूत या गवाहों के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए।
क्या है पूरा मामला
ईडी एक पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स की जांच कर रहा है। इसे ओएनजीसी ने विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया था। सैमसंग इंजीनियरिंग को इसका हिस्सा बनाने के लिए ओएनजीसी ने पैसे दिए थे। इसके बाद सैमसंग ने संजय भंडारी की दुबई स्थित कंपनी इंटरनेशनल एफजेडसी को काम दिया।
यह अनुबंध सैमसंग को दिसंबर 2008 में मिला था और कंपनी ने इसके बाद सेंटेक को 49,90,000 अमेरीकी डॉलर का भुगतान किया था। भंडारी की सेंटेक ने जून 2009 को लंदन के 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर में संपत्ति खरीदी थी। यह संपत्ति वर्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत थी।
सेंटेक ने वर्टेक्स के खाते में 17 करोड़ रुपये के स्टर्लिंग स्थानांतरित किए। वर्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपने सारे शेयर स्काई लाइट इनवेस्टमेंट एफजेडईऊ दुबई ने खरीद लिया था जिसका पूरा नियंत्रण लंदन में सी थम्पी करते थे। रिपोर्ट्स के अनुसार सी थम्पी रॉबर्ट वाड्रा के करीबी माने जाते हैं।
संजय भंडारी, सुमित चढ्डा (स्जय का लंदन स्थित रिश्तेदार), मनोज अरोड़ा और रॉबर्ट वाड्रा के बीच ईमेल के जरिए हुई बातचीत से पता चला है कि उन्हें वाड्रा की संपत्ति में गहरी रुची थी और वे इसके नवीकरण को लेकर किए जा रहे कामों को जानना चाहते थे।