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बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल थे छह हजार वायुसैनिक, सामने आई रिपोर्ट

बालाकोट एयर स्ट्राइक में शामिल थे छह हजार वायुसैनिक, सामने आई रिपोर्ट
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बालाकोट हवाई हमले को लेकर अब एक नया खुलासा हुआ है। ये हवाई हमला पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर किया गया था। वायुसेना ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान उस समय हाईअलर्ट पर था, लेकिन बावाजूद इसके बालाकोट एयरस्ट्राइक को पूरा किया गया। इस ऑपरेशन को पूरा करने के लिए 6 हजार लोगों ने काम किया।

ये बात "द लेसन लर्न्ट" फ्रॉम द ऑपरेशन नामक रिपोर्ट में कही गई है। इसमें ये भी कहा है कि छह में से पांच लक्ष्यों पर निशाना साधा गया था। इस रिपोर्ट में ऑपरेशन के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं का विस्तृत मूल्यांकन किया गया है। ताकि भविष्य में अगर कोई ऑपरेशन का संचालन किया जाए, तो इससे मदद मिल सके। इसके अलावा इस रिपोर्ट पर वायुसेना की उच्च स्तरीय बैठक में भी चर्चा हुई है।

बता दें 14 फरवरी को पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पर आत्मघाती हमला हुआ था। जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। जिसके बाद भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के ठिकाने पर हवाई हमला किया। इस हमले के बाद काफी चर्चा और बहस भी हुईं।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा कि मूल्यांकन में पता चला है कि ऑपरेशन से पहले जो योजना बनाई जाती है असल में हूबहू वैसा नहीं हो पाता। लेकिन हम इस ऑपरेशन को अपने बैकअप प्लान से पूरा कर पाए हैं। मूल्यांकन में कुछ सकारात्मक तो कुछ नकारात्मक बातें सामने आई हैं।

ऑपरेशन में क्या था सकारात्मक?

रिपोर्ट के अनुसार मिराज-2000 से जब बालाकोट पर हमला किया गया तो पाकिस्तान ने भी अपने आठ ठिकानों से लड़ाकू विमान तैनात कर दिए। पहचान ना बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के लड़ाकू विमान दस मिनट की देरी से आए थे।

एक अधिकारी का कहना है, "पाकिस्तान को प्रतिक्रिया की उम्मीद थी, लेकिन पाकिस्तानी वायुसेना की प्रतिक्रिया से ऐसा लग रहा था कि उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि हम हवाई मार्ग से आएंगे।"

रिपोर्ट में सबसे सकारात्मक बात इंटेलिजेंस की सटीक जानकारी और लक्ष्यों का चयन है। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि इंटेलिजेंस की इस विशेषता के साथ हम पाकिस्तान के अंदर किसी भी लक्ष्य पर तीन घंटे में निशाना साध सकते हैं।

रिपोर्ट में पायलटों की दक्षता और कौशल की भी सराहना की गई है। मिशन में उड़ान भरने वाले सभी पायलटों को उनके कौशल और क्षमता के लिए सम्मानित किए जाने की संभावना है।

देश के विभिन्न बेस से लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी थी। वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी रक्षा सम्मेलनों में भाग लेने जैसे अपने नियमित कार्य कर रहे थे। इस ऑपरेशन में इस्तेमाल किए गए लड़ाकू विमानों से इनकी क्षमता का भी पता चला है।

ऑपरेशन में क्या था नकारात्मक?

रिपोर्ट में कहा गया है कि खराब मौसम और आसमान में बादल छाए रहने से लड़ाकू बेड़े को थोड़ी परेशानी हुई।

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