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उत्तर प्रदेश

ईमानदार आईपीएस की छवि खराब करने का प्रयास:- (प्रेम शंकर मिश्र)

ईमानदार आईपीएस की छवि खराब करने का प्रयास:-  (प्रेम शंकर मिश्र)
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उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार ईमानदार और दिलेर आईपीएस डॉ अजय पाल शर्मा की बेदाग छवि को दागदार करने के लिए सोची समझी साजिश रची गई थी।

आईपीएस अधिकारी को एक महिला के नाम से फर्जी प्रार्थना पत्र डीजीपी और सीएम को भेजकर और फिर एक वेबसाइट पर छपवाकर बदनाम करने का प्लान बनाया गया था।

इस पर आईपीएस ने भी वेबसाइट पर मानहानि का मुकदमा किया और मुकदमा दर्ज होते ही दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।

आपको बता दें कि कोर्ट द्वारा तलब किए जाने पर उक्त वेबसाइट ने कबूल किया कि जेल में बंद संजय कपूर नाम के शख्स के कहने पर ही आईपीएस अजय के खिलाफ बेबुनियादी और झूठी खबरें प्रचारित की गई थी। जिसके बाद कोर्ट ने वेबसाइट को आड़े हाथों लेते हुए जमकर फटकार लगाई थी और आईपीएस के खिलाफ प्रचारित की गई सभी झूठी खबरों को 24 घंटों के अंदर हटाने का अल्टीमेटम भी दिया था।

आईपीएस अधिकारी डॉ अजय पाल शर्मा प्रदेश के ईमानदार और साफ छवि वाले अधिकारियों में गिने जाते हैं। उन्होने अपने अभी तक के कार्यकाल में पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने फर्ज को निभाया है। वे हमेशा से अपराधियों के काल और आम जनता के दोस्त रहे हैं। लेकिन आपको बता दें अपनी ड्यूटी को पूरी शिद्दत और ईमानदारी से निभाने वाले अजय पाल शर्मा भी साजिश के शिकार हुए । गौरतलब है कि तेजतर्रार अफसर अजय पाल शर्मा की बेदाग छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए बकाया पूरी प्लाटिंग की गई थी और एक महिला के नाम से फर्जी प्रार्थना पत्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री को भेजा गया था । इसके बाद उस प्रार्थना पत्र को सोची समझी साजिश के तहत वायरल कर दिया गया । इतना ही नहीं दिल्ली से चल रही है एक वेबसाइट ने उस खबर को बढ़ चढ़ कर लगाया।

वहीं अपने खिलाफ हो रही साजिश को भांपते ही एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अजयपाल शर्मा भी अलर्ट हो गए और फिर उन्होने अपने खिलाफ झूठी खबरें प्रचारित कर रही वेबसाइट पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कर दिया। फिर क्या था कोर्ट ने वेबसाइट से पूरे मामले पर जवाब मांगा तो वेबसाइट की घिग्घी बंध गई। और फिर कोर्ट द्वारा फटकार लगाए जाने पर डायनामाइट नाम की वेबसाइट ने सारी हकीकत बयां कर दी। आपको बता दें कि वेबसाइट ने कबूला कि आईपीएस अधिकारी अजयपाल शर्मा के खिलाफ जेल में बंद संजय कपूर के ट्वीट पर उन्होने खबरें छापी थी। जिसेक बाद कोर्ट ने वेबसाइट को एक आईपीएस की छवि को नुकसान पहुंचाने पर खूब खरी-खोटी सुनाई साथ ही साथ ही तुरंत सारी खबरें हटाने का आदेश भी दिया। कोर्ट का आर्डर होते ही वेबसाइट ने फौरन सारी खबरें हटा दी।

प्रदेश के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा को जिस महिला के नाम से फर्जी प्रार्थना पत्र दिया गया था उस महिला ने ही प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखित में एप्लीकेशन देकर यह बताया कि उसने इस तरीके की कोई भी एप्लीकेशन नहीं दी है उक्त महिला का आरोप है कि एप्लीकेशन उसके ससुराल पक्ष जगत फार्म हाउस के मालिक और उस समय जेल में बंद बलात्कार के आरोपी संजय कपूर द्वारा फर्जी तरीके से भेजी गई है जिसका मकसद महिला और तत्कालीन एसएसपी नोएडा अजय पाल शर्मा को बदनाम करना था लेकिन हैरानी कर देने वाली बात यह है कि तेज तरार अधिकारियों में शुमार अजय पाल शर्मा के खिलाफ उस प्रार्थना पत्र को साजिश के तहत दिल्ली और लखनऊ के व्हाट्सएप ग्रुप पर समय-समय पर वायरल किया जाता है जिससे अजय पाल शर्मा की छवि को धूमिल किया जा सके..

यहां आपको बता दें कि जिस महिला के नाम से फर्जी प्रार्थना पत्र तैयार कर आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा को फंसाने की साजिश रची गई थी उसी महिला ने प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री को लिखित में पत्र देकर सारी कहानी का राजफाश कर दिया। उक्त महिला ने बताया कि उसने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ कभी कोई प्रार्थना पत्र दिया ही नहीं है। उसने बताया कि वह प्रार्थना पत्र तो उसके ससुराल पक्ष जगत फार्म हाउस के मालिक और इस समय जेल में बंद बलात्कार के आरोपी संजय कपूर द्वारा फर्जी तरीके से भेजी गई थी। इस प्रार्थना पत्र के जरिए बलात्कारी संजय कपूर उसे और गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन एसएसपी अजय पाल शर्मा को बदनाम करने की फिराक में था। गौरतलब है कि तेज तर्रार अधिकारियों में शुमार अजय पाल शर्मा के खिलाफ उस प्रार्थना पत्र को साजिश के तहत दिल्ली और लखनऊ के व्हाट्सएप ग्रुप से समय-समय पर वायरल किया जाता रहा जिससे अजय पाल शर्मा की छवि को धूमिल किया जा सके.

वहीं आपको बता दें कि आईपीएस अजय पाल शर्मा को बदनाम करने की साजिश में गाजियाबाद की एक महिला वकील भी बताई जाती है। इस महिला वकील पर गाजियाबाद के कई थानों में अलग-अलग तरीके के मुकदमे दर्ज हैं। इस महिला वकील ने दिल्ली की उस वेबसाइट को फोन करके भी अपने और अजय पाल शर्मा के रिलेशन होने की बात कही थी । लेकिन हैरानी इस बात की है कि कई फर्जीवाड़ों के आरोपों में घिरी और एक आईपीएस अधिकारी के खिलाफ झूठी खबरें प्रचारित करने वाली उक्त महिला के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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