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उत्तर प्रदेश

नवसंवत्सर की पूर्व संध्या पर हाेगी रामकाेट की परिक्रमा, हुई तैयारी बैठक

नवसंवत्सर की पूर्व संध्या पर हाेगी रामकाेट की परिक्रमा, हुई तैयारी  बैठक
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वासुदेव यादव

अयाेध्या । विक्रमादित्य महाेत्सव समिति की एक आवश्यक बैठक बुधवार की देर शाम श्रीरामवल्लभाकुंज जानकीघाट में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महन्त कमलनयन दास शास्त्री व संचालन अंजनी गुफा महन्त रामशरण दास रामायणी ने की। इस अवसर पर महन्त कमलनयन दास शास्त्री ने कहाकि प्रतिवर्ष नवसंवत्सर की पूर्व संध्या पर विक्रमादित्य महाेत्सव समिति द्वारा रामकाेट की परिक्रमा व शाेभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें बड़ी संख्या में संत-महंत व भक्तगण सम्मिलित हाेते हैं। आज उसी सम्बंध में समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें रामकाेट की परिक्रमा काे कैसे भव्य बनाया जाए। उस पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहाकि नवसंवत्सर महाेत्सव हमारी पहचान है। यह काेई साधारण परिक्रमा नही है। नवसंवत्सर हमारी सांस्कृतिक धराेहर है। वहीं भाजपा के फायरब्राण्ड नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने कहाकि आज विक्रमादित्य महाेत्सव समिति की पहली व अन्तिम बैठक हुई है। 5 अप्रैल काे नवसंवत्सर की पूर्व संध्या पर सायंकाल 3 बजे रामकाेट की परिक्रमा हाेगी। जाे इस बार मातगैंड़ से प्रारम्भ की जायेगी। यह परम्परागत कार्यक्रम है। इसका लाेकसभा चुनाव से काेई लेना देना नही है और न ही इस कार्यक्रम पर काेई राेक है। रामकाेट की परिक्रमा हमारी स्थायी है इसकाे सब करेंगे। यह परिक्रमा सतत पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहेगी। रामकाेट की परिक्रमा कई सालाें से चल रही है, जिसमें नवसंवत्सर की पूर्व संध्या पर पूरे रामकाेट की परिक्रमा की जाती है। विक्रमादित्य महाेत्सव समिति अध्यक्ष व श्रीरामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास ने कहाकि सबके आस्था के केन्द्र भगवान राम हैं। रामकाेट की परिक्रमा भगवान राम की परिक्रमा है। क्योंकि इसी जगह मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि स्थित है। इसलिए इस परिक्रमा का महत्व अपने आप और अधिक बढ़ जाता है। सर्वप्रथम बैठक प्रारम्भ हाेने से पहले विक्रमादित्य महाेत्सव समिति के महामंत्री रहे स्व.बाबा शिवशंकर दास काे सभी लाेगाें ने श्रद्धांजलि अर्पित की। जिनका कुछ महीने पहले ही निधन हो गया था। उन्होंने ही रामनगरी इस परिक्रमा की शुरुवात किया। लेकिन अब वह हम लाेगाें के बीच में नही हैं। बैठक में मुख्य रूप से तिवारी मन्दिर के महन्त गिरीशपति त्रिपाठी, आचार्य पीठ तपस्वी के महन्त परमहंसदास, हनुमत सदन महन्त अवधकिशाेर शरण, श्यामासदन महन्त संतगाेपाल दास, आंजनेय सेवा संस्थान के अध्यक्ष महन्त शशिकान्त दास, श्रीरामप्रिया कुंज के महन्त उद्धव शरण, महन्त रामजी दास, ज्ञानी गुरजीत सिंह, स्वामी माधवानंद उदासीन आश्रम, महन्त माधव दास रामायणी, महन्त उत्तम दास, महन्त अंजनी शरण, विजय वर्मा, रवि वर्मा, पहलवान घनसयाम दास, राष्ट्रीय कथाव्यास चन्द्रांशु महाराज, रामनारायण दास, महन्त कमलादास रामायणी, प्रियेश दास, पहलवान घनश्याम दास, पूर्व जिप सदस्य डिप्पुल पाण्डेय, आदित्य नारायण मिश्रा, खुन्नू पाण्डेय, रामसजीवन मिश्रा, महाराजा इण्टर कालेज के पूर्व प्राचार्य शेषनारायण मिश्रा, अरूण कुमार शुक्ला, बालकृष्ण वैश्य, धनुषधारी शुक्ल, पार्षद दिलीप यादव आदि उपस्थित रहे।

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