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उत्तर प्रदेश

आंतकी फंडिंग मामले में मीरवाइज उमर फारूक सहित अलगाव वादियों के नौ ठिकानों पर NIA ने मारे छापे

आंतकी फंडिंग मामले में मीरवाइज उमर फारूक सहित अलगाव वादियों के नौ ठिकानों पर NIA ने मारे छापे
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कश्मीर घाटी में अलगाववादियों की धरपकड़ के बीच मंगलवार को एनआईए ने प्रमुख अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक, यासीन मलिक, शब्बीर शाह समेत नौ अलगाववादियों के घरों पर छापे मारे। इस दौरान तलाशी ली गई। जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई फंडिंग के मामले में की है। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी ने छापेमारी के दौरान कुछ दस्तावेज भी बरामद किए हैं। साथ ही इलेक्ट्रानिक उपकरणों को भी खंगाले।

एनआईए के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह ही पुलिस तथा सीआरपीएफ के साथ मिलकर छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी। पूरी घाटी में नौ स्थानों पर छापेमारी की गई। इनमें हुर्रियत (जी) प्रमुख सैय्यद अली शाह गिलानी के बेटे नईम गिलानी, अशरफ सेहरई, जफर भट व मसरत आलम के मकान भी शामिल हैं। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने अलगाववादियों पर सख्त रुख अख्तियार किया है। पहले इनकी सुरक्षा वापस ली गई। इसके बाद पूरी घाटी में अलगाववादियों तथा पत्थरबाजों पर शिकंजा कसते हुए यासीन मलिक समेत 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।

इनमें ज्यादातर जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ता हैं। सैय्यद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक, यासीन मलिक, शब्बीर शाह, अगा सैयद मौसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफ र अकबर भट, नईम अहमद खान, फारुख अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, अगा सैयद अब्दुल हुसैन, अब्दुल गनी भट, मोहम्मद मुसाद्दिक भट और मुख्तार अहमद वजा से सुरक्षा हटाई गई थी।

अलगाववादियों ने दो दिन के बंद का किया आह्वान

एनआईए की छापेमारी तथा सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35 ए पर सुनवाई के विरोध में अलगाववादियों ने दो दिन के बंद का आह्वान किया है। गिलानी, उमर फारूक तथा यासीन मलिक के नेतृत्व वाले ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने 27 व 28 फरवरी को पूरी घाटी में बंद रखने की लोगों से अपील की है। उनका कहना है कि इस ज्यादती के विरोध में चुप नहीं बैठा जा सकता है।

एनआईए टीम पर पथराव

जिस दौरान एनआईए की टीम मायसूमा स्थित यासीन मलिक के घर से निकल रही थी तो जेकेएलएफ समर्थकों ने उन पर पत्थरबाजी की। हालांकि, इससे बचते हुए टीम मौके से निकल गई लेकिन पुलिस, सीआरपीएफ व मीडिया कर्मी पथराव की चपेट में आ गए। इन्हें खदेड़ने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से आंसू गैस के गोले दागे गए। पेलेट गन का इस्तेमाल किया गया। इससे काफी देर तक तनाव की स्थिति बनी रही।

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