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उत्तर प्रदेश

आतंकियों की शरणस्थली बनता जा रहा है देवबंद एक के बाद एक करके आतंकी संगठन से जुड़े लोग सामने आ रहे

आतंकियों की शरणस्थली बनता जा रहा है देवबंद एक के बाद एक करके आतंकी संगठन से जुड़े लोग सामने आ रहे
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आतंकियों की शरणस्थली बनता जा रहा है सहारनपुर। विशेषकर देवबंद में एक के बाद एक करके आतंकी संगठन से जुड़े लोग सामने आ रहे हैं। एटीएस द्वारा पकड़े गए आतंकियों से इस बात का खुलासा हो चुका है। देश में कहीं भी घटना होने के बाद एटीएस एवं अन्य खुफिया एजेंसियों की निगाह सहारनपुर पर आकर टिक जाती है।

एटीएस ने देवबंद के खानकाह मोहल्ला स्थित नाज मंजिल छात्रावास से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्म्द से जुड़े दो कश्मीरी युवकों को गिरफ्तार किया। पुलवामा अटैक के बाद से ही एटीस जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हर शख्स की तलाश में जुटी हुई थी।

यह पहली बार नहीं है कि जब सहारनपुर से आतंकी गतिविधियां जुड़ी हैं। कुछ दिन पूर्व एनआईए ने अमरोहा निवासी मोहम्मद सुहेल को गिरफ्तार किया था। एनआईए की जांच में पता चला था कि सुहेल भी देवबंद में काफी समय तक रहा और पढ़ाई की थी।

वर्ष 2001 में संसद पर हुए हमले की घटना में भी जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था और उस हमले में प्रयोग की गई कार सहारनपुर की थी। 1994 में हापुड़ से तीन विदेशी नागरिकों का अपहरण करके आतंकियों ने सहारनपुर के खाताखेड़ी में रखा था। विदेशी नागरिकों का अपहरण जैश-ए-मोहम्मद के अजहर मसूद को छुड़ाने के लिए दबाव बनाने की नीयत से किया गया था। वहीं, इंडियन मुजाहिदीन का शेख एजाज सहारनपुर में ही रहता रहा। उसे पुलिस ने वर्ष 2015 में सहारनपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। वर्ष 2016 में देवबंद से ही दिल्ली पुलिस ने एक आतंकी को गिरफ्तार किया था।

वर्ष 2017 में मुजफ्फरनगर के ग्राम कुटेसरा से बांग्लादेश के आतंकी संगठन अंसारुल्ला बांग्ला टीम का सक्रिय सदस्य गिरफ्तार किया गया था, जो देवबंद में काफी समय तक रहा। उसका साथी फैजान नाम का बांग्लादेशी आतंकी भी देवबंद में ही पनाह लिए रहा। एटीएस की छापेमारी के बाद फरार हो गया था।

इसी साल गत दो जनवरी को देवबंद से वसीम अहमद और अहशान कुरैशी को बांग्लादेशी आतंकी यूसुफ अली के फर्जी दस्तावेज तैयार करके उसका पासपोर्ट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह दोनों भी देवबंद में काफी समय से रह रहे थे।

अक्तूबर 2017 में कोलकाता पुलिस ने दिल्ली से बांग्लादेशी रजाउल रहमान को पकड़ा था, जो देवबंद में काफी समय से रह रहा था। लखनऊ के चारबाग स्टेशन से एटीएस ने इमरान, रजीमुद्दीन, मोहम्मद फिरदौस को पकड़ा, जो देवबंद के ग्राम भनैड़ा में काफी दिनों से रह रहे थे ये भी बांग्लादेशी आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे।

2001 में आतंकी गतिविधियों के चलते मुफ्ती इसरार को एक मदरसे से पुलिस ने पकड़ा। दो अगस्त 2010 में शाहिद उर्फ इकबाल भट्टी और देवराज सहगल को पटियाला से गिरफ्तार किया। इकबाल भट्टी पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था और सहारनपुर में काफी समय तक देवराज सहगल के नाम से रहा था।

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