पाकिस्तान को पुलवामा मामले में 65 देशों की लताड़ मिल चुकी है, बढ़ रहा अंतरराष्ट्रीय दबाव
पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान चाहे जो भी दलील दे लेकिन दुनिया भर में उनके देश के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बुधवार को दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान की तरफ से पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की गई है। यही नहीं ईरान के विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर पाकिस्तान सरकार को चेतावनी दी है। पुलवामा हमले के दिए ईरान के सैन्य दलों पर भी आतंकी हमला हुआ था जिसमें 27 सैनिकों की जान चली गई थी। इस बारे में ईरान के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के राजदूत को सम्मन कर बुलाया और उन्हें डांट लगाई है। भारत सरकार ने पिछले शुक्रवार को पाकिस्तान के नई दिल्ली स्थित राजदूत को तलब कर पुलवामा हमले को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी।
दक्षिण अफ्रीका के संसद ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पुलवामा हमले की निंदा करते हुए ना इसका प्रस्ताव पारित किया है बल्कि पाकिस्तान से भी कहा है कि वह आतंकियों को पकड़ने में मदद करे और उन्हें सजा दिलाये। न्यूजीलैंड के संसद में भी पुलवामा हमले पर शोक जताने का प्रस्ताव पारित किया गया है। लेकिन पाकिस्तान को सबसे बड़ी कूटनीतिक शर्मिदगी अफगानिस्तान में मिली है। काबुल स्थित पाकिस्तान के राजदूत ने यह विवादास्पद बयान दिया है कि अगर पुलवामा हमले के बाद भारत पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई करता है तो इससे अफगानिस्तान में शांति बहाली की कोशिशों को झटका लगेगा। इस पर अफगानिस्तान की विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में पाकिस्तान के खिलाफ काफी कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया गया है और कहा गया है कि पाकिस्तान को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए और पूरे इलाके में शांति बहाली में मदद करनी चाहिए।
सनद रहे कि अभी तक 65 देशों की तरफ से कश्मीर में हुए पुलवामा हमले की निंदा की जा चुकी है। इसमे कई देशों ने सीधे तौर पर इसे सीमा पार आतंक से जोड़ कर देखते हुए पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा किया है। अमेरिका ने यहां तक कहा है कि भारत को सीमा पार आतंक से अपने आपको सुरक्षित रखने का हक है।