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उत्तर प्रदेश

अमित शाह ने योगी संग संगम में लगाई डुबकी

अमित शाह ने योगी संग संगम में लगाई डुबकी
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कुंभनगर । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को यहां संगम में डुबकी लगाई और दिव्य तथा भव्य कुंभ के साक्षी बने। उन्होंने संतों से भी मुलाकात की। चर्चा का क्रम जारी है। समझा जा रहा है कि उन्होंने राम मंदिर मसले पर पार्टी का रुख स्पष्ट किया है। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भाजपा के संगठन महामंत्री रामलाल भी हैं।

इससे पहले अमित शाह का स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बमरौली एयरपोर्ट पर किया। वह शाह के पहुंचने से पूर्व यहां पहुंच गए थे। सभी नेता बमरौली से हेलीकाप्टर से डीपीएस हेलीपैड पर उतरे। उपमुख्यमंत्री समेत तमाम नेताओं ने उनकी हेलीपैड पर अगवानी की। दोनों नेता कार से अरैल वीआइपी घाट पहुंचे और फिर स्टीमर से संगम आए। अखाड़ों के प्रतिनिधियों व बड़े संतों के साथ अमित शाह ने पावन संगम में डुबकी लगाने के बाद विधि-विधान से त्रिवेणी की आरती की। फिर स्टीमर से ही किला स्थित वीआइपी घाट पहुंचे तथा किला स्थित मूल अक्षयवट का दर्शन किया।

किले में ही वह सरस्वती कूप गए और वहां से बड़े हनुमान मंदिर में पहुंच कर दर्शन-पूजन किया। अभी वह कुंभ मेला के सेक्टर 14 स्थित जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के शिविर में हैं। यहां संतों के साथ दोपहर का भोजन चल रहा है। कुंभ मेला क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं।

मंगलवार के दिन सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में भाग लेने से रोके जाने पर सपाइयों की तरफ से बवाल की आशंका थी। हालांकि सपाई अब तक कहीं भी विरोध प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।

सील किया संगम

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर करीब दो घंटे के लिए संगम को सील कर दिया गया है। वहीं किला स्थित मूल अक्षयवट व हनुमान मंदिर में भी इस दौरान आम श्रद्धालु दर्शन-पूजन नहीं कर सकेंगे। किला वीआइपी घाट और अरैल वीआइपी घाट भी शाह और सीएम के आगमन के दौरान सील रहेगा। स्टीमर से संगम और किला घाट जाने के दौरान भी गंगा व यमुना में मोटरबोट, स्टीमर व बेसल का संचालन नहीं हो सकेगा।

संतों से मुलाकात को कई मायनों से देखा जा रहा

भाजपा अध्यक्ष और सीएम योगी की संतों से मुलाकात को कई मायनों से देखा जा रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर संतों में बढ़ी सरगर्मी को लेकर दोनों नेताओं ने महात्माओं से आशीष लेकर उन्हें साधने की कोशिश भी की।

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