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उत्तर प्रदेश

स्वामी स्वरूपानंद के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर अयोध्या के संतों में है जबरदस्त विरोधाभास

स्वामी स्वरूपानंद के शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर अयोध्या के संतों में है जबरदस्त विरोधाभास
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21 फरवरी को शिलान्यास कार्यक्रम के लिए आयोजक कर रहे हैं अयोध्या के संतों का मान मनौवल, तो विरोधी गलत ब्यानबाजी

अयोध्या : राम नगरी में जगद्गुरु शंकराचार्य शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर अयोध्या में समर्थन और विरोध की आवाजें अब बहुत तेज़ हो गयीं है। हालांकि अभी समर्थन के स्वर तो सुनाई नही दे रहे लेकिन विरोध के स्वर बेहद तेज़ हैं। अयोध्या के शीर्ष संतो द्वारा इस शिलान्यास के कार्यक्रम को लेकर विरोध भी किया जा रहा है विरोध में उतरे संतों का कहना है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर पहले ही शिलान्यास किया जा चुका है । अब जब राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो रहा है तो कुछ संत इस कार्य में अड़ंगा लगाने में लगे हुए हैं। माना जा रहा है कि

शिलान्यास के विरोध में उतरे महंत कमल नयन दास ने कहा कि राम मंदिर निर्माण को लेकर शिलान्यास पूर्व में ही किया जा चुका है। अब वर्तमान सरकार और अयोध्या के संत मिलकर राम मंदिर का निर्माण शुरू करने वाले हैं। लेकिन कुछ कथित संतो द्वारा इस कार्यक्रम में अवरोध उत्पन्न करने के लिए शिलान्यास जैसे कार्यक्रम करने का कार्य कर रहे हैं । जानकिघाट मन्दिर के महंत जनमेजय शरण महराज हो या स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती यह कुछ भी करने वाले नहीं हैं। यह सिर्फ निजी स्वार्थ के लिए और राजनैतिक लाभ के लिए राम भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ताकि मीडिया में बने रहे।

वहीं महंत जनमेजय शरण महराज ने इस आयोजन को लेकर बताया कि राम मंदिर निर्माण 21 फरवरी को होने वाले शिलान्यास के बाद शुरू होगा । जिसमें हजारो से अधिक साधु-संत शामिल होंगे। लेकिन कुछ लोग इस कार्यक्रम को लेकर अपनी राजनीति बचाने में लगे हुए हैं। जो भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं। यदि राम मंदिर निर्माण कार्य किया जाना होता तो पहले ही शुरू हो जाता।लेकिन कुछ संत राम के नाम पर अपनी आस्था जता रहे हैं और राम मंदिर निर्माण के लिए कुछ भी नहीं कर सकते हैं।

वहीं रामजन्मभूमि विवाद के पक्षकार निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास महराज भी होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम व चल रहे विरोध को लेकर भ्रमित है। उनका कहना है कि निर्मोही अखाड़ा के पंचों द्वारा तय किए जाने के बाद ही राम जन्मभूमि निर्माण के किसी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। बहरहाल वह जमीन हमारे अखाड़े की है। हम सब ही एक दिन वहा पर भगवान राम जी का मंदिर बनाएंगे।

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