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उत्तर प्रदेश

प्रयागराज जाने से रोकने पर अखिलेश बोले, जो पसंद न आए उसका एनकाउंटर कर दो

प्रयागराज जाने से रोकने पर अखिलेश बोले, जो पसंद न आए उसका एनकाउंटर कर दो
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के एक नेता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भाग लेने प्रयागराज जा रहे समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर रोक दिया गया। अखिलेश यादव को मंगलवार को अमौसी हवाई अड्डे पर उस समय रोक दिया गया जब वह अपने निजी जहाज से प्रयागराज जाने वाले थे। इस दौरान सपा समर्थकों और सुरक्षा कर्मियों के बीच नोकझोंक और धक्का मुक्की हुयी। वहीं सांसद धर्मेंद्र यादव प्रयागराज में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की छात्र नेता रिचा समेत सैकड़ों कार्यकर्ता बालसन की ओर जा रहे थे। बालसन चौराहे पर महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद कुछ लोग यही धरने पर बैठ गए। पुलिस ने विरोध किया तो बखेड़ा शुरू हो गया। पुलिस ने भीड़ को हटाने के की कोशिश की तो उग्र लोगों ने पथराव कर दिया। जमकर तोड़फोड़ करने लगे जिसके बाद पुलिस ने भी लाठी चार्ज कर दिया। इस हमले में सांसद धर्मेंद्र का सिर फुट गया। रिचा समेत कई लोग जख्मी हो गए। घटना के विरोध में सपा सदस्यों ने विधानसभा और विधान परिषद में जबरदस्त हंगामा किया जिससे दोनो सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। सपा अध्यक्ष ने घटना के बाद ट्वीट कर कहा 'बिना किसी लिखित आदेश के मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया। पूछने पर भी स्थिति साफ करने में अधिकारी विफल रहे। छात्र संघ कार्यक्रम में जाने से रोकना का एक मात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है। एक छात्र नेता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से सरकार इतनी डर रही है कि मुझे लखनऊ हवाई-अड्डे पर रोका जा रहा है।'

अखिलेश यादव ने कहा, मुख्यमंत्री और सरकार की भाषा देखिए मैं अराजकता फैलाने जा रहा था। जो पसंद न आए उसका एनकाउंटर कर दो। सदन से सड़क तक इनकी भाषा देखिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बता दें कि आजतक मेरे ऊपर कभी कोई धारा लगी है। ये तो देश के पहले मुख्यमंत्री जिनपर तमाम धाराओं में केस चल रहे हैं। चुनाव आयोग का रिकार्ड देखिए। अपने ऊपर लगे केस खुद वापस कर रहे हैं यह मुख्यमंत्री।

अखिलेश यादव ने सपा दफ्तर में मीडिया से कहा कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ के कार्यक्रम में शामिल होना था। देश-दुनिया का बड़ा विश्वविद्यालय है जिसे भारत का ऑक्सफोर्ड कहा जाता है। मुझे छात्रों से मिलना था जिसका कार्यक्रम मैंने महीनों पहले भेज दिया था। 27 दिसम्बर को पहला कार्यक्रम भेजा था। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने प्रशासन से बात करके तारीख फाइनल की। फिर विस्तृत कार्यक्रम 2 जनवरी को भेजा ताकि प्रशासन को कुम्भ के बीच कोई समस्या न हो। जब कार्यक्रम नजदीक आ गया तो प्रस्तावित स्थल पर तीन बम फेंके गए और इसके पहले छात्रसंघ अध्यक्ष का कमरा जला दिया गया। सोमवार रात में कई एलआईयू वाले अधिकारी मेरे घर की रेकी कर के गए। जब मैं हवाई जहाज में चढ़ने जा रहा था तो मुझे रोक लिया गया।

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