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उत्तर प्रदेश

प्रशांत किशोर का दावा, 2019 में मोदी फिर बनेंगे प्रधानमंत्री

प्रशांत किशोर का दावा, 2019 में मोदी फिर बनेंगे प्रधानमंत्री
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जनता दल (यू) उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सोमवार को एक इवेंट में कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे और नीतीश कुमार एनडीए के सबसे बड़े नेता के रूप में उभरेंगे। हाल ही में किशोर ने महाराष्ट्र में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। ऐसा माना जा रहा है कि मुलाकात में उन्होंने जदयू और शिवसेना के महाराष्ट्र में गठबंधन को लेकर बातें कीं।

किशोर ने स्पष्ट कहा कि मोदी एनडीए के प्रधानमंत्री उम्मीदवार हैं और वह फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। जबकि भाजपा और शिवसेना के बाद जदयू एनडीए में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनेगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से महाराष्ट्र में बिहारियों के खिलाफ घृणा को लेकर सवाल खड़े करती रही है, महाराष्ट्र में रह रहे बिहारियों के सुरक्षा पर भी ठाकरे से बात हुई है।

मुंबई की अपनी यात्रा में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात के दौरान लोकसभा चुनाव के बाद की संभावनाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर राजग में स्वीकारोक्ति नहीं मिलने की स्थिति में पूर्व में पीएम मटैरियल बताए गए बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बनाने को लेकर चर्चा की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत ने स्पष्ट किया कि राजग के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पहले से हैं और आगे भी वही रहेंगे। ऐसे में किसी और की उम्मीदवारी का सवाल ही कहां उठता है?

प्रियंका पर सवाल का दिया ये जवाब

भाजपा की अगुवाई वाले राजग के घटक दल जदयू के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रशांत से जब पूछा गया कि प्रियंका भविष्य में राजग के लिए कितनी बड़ी चुनौती साबित होंगी, इस पर जदयू नेता ने कहा, एकदम से बहुत कम समय में दो-तीन महीने में या आगामी लोकसभा चुनाव के नजरिए से मैं उन्हें चुनौती के तौर पर नहीं देखता। मैं ऐसा नहीं कहा रहा हूं कि उनमें क्षमता है या नहीं, लेकिन किसी भी व्यक्ति के लिए तुरंत आकर दो-तीन महीने में परिणामों पर बहुत व्यापक असर डालना संभव नहीं है।

उन्होंने कहा, हालांकि, अगर लंबे समय के नजरिए से आप देखेंगे तो वे एक बड़ा चेहरा और नाम हैं। काम करेंगी और जनता उनके काम को पसंद करेगी तो उसका असर दिख भी सकता है। यह पूछे जाने पर कि प्रियंका के राजनीति में आने का कांग्रेस को फायदा होगा या नहीं, इस पर प्रशांत ने कहा कि यह आगामी चुनाव (लोकसभा चुनाव) में पता चलेगा। इस बारे में अभी कोई अटकल लगाना उचित नहीं है।

जदयू में शामिल होने से पहले चुनावी रणनीतिकार के तौर पर 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रणनीति बनाने में कांग्रेस की मदद कर चुके प्रशांत ने कहा कि उस समय हम लोगों की सोच थी कि अगर प्रियंका गांधी कांग्रेस के युवा प्रकोष्ठ का नेतृत्व करेंगी तो उससे इस दल को फायदा हो सकता है। किसी कारण से इस सुझाव पर अमल नहीं हो सका।

प्रियंका अपने बड़े भाई राहुल गांधी की प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर सकती हैं, यह पूछे जाने पर प्रशांत ने कहा, निश्चित तौर पर नहीं। राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष हैं, जबकि प्रियंका कई राष्ट्रीय महासचिवों में से एक हैं, लेकिन उनके प्रवेश का लंबे समय में प्रभाव पड़ेगा।

बिहार में विपक्षी 'महागठबंधन', जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, के बारे में पूछे जाने पर प्रशांत ने कहा "कोई भी गठबंधन जिसमें पांच या अधिक पार्टियां हैं, वे कागज पर मज़बूत दिख सकते हैं। लेकिन इस तरह के गठबंधन के साथ चुनावी कामयाबी हासिल करना बहुत मुश्किल है। लेकिन, अगर महागठबंधन अच्छा प्रदर्शन करता है, तो यह हम सभी के लिए सीखने का अनुभव होगा।

किशोर पिछले साल ही जदयू में शामिल हुए थे। किशोर बक्सर जिला से आते हैं। उन्होंने 2014 में भाजपा के लिए चुनाव अभियान चलाया था और प्रधानमंत्री मोदी के लिए रणनीति भी तैयार की थी। बाद में उन्होंने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के लिए रणनीति तैयार की थी जबकि 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-सपा के लिए अभियान चलाया था।

एक संवाददाता के पूछने पर किशोर ने कहा कि मैं शिवसेना अध्यक्ष से मिलने उनके निमंत्रण पर गया था। उन्होंने कहा कि शिवसेना अभी एनडीए का हिस्सा है और मैं उन्हें चुनाव को लेकर सहायाता करने गया था।

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