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उत्तर प्रदेश

अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र लगाने के नाम पर 12 करोड़ 18 लाख रुपये डकार गई कार्यदायी संस्था

अस्पतालों में अग्निशमन यंत्र लगाने के नाम पर 12 करोड़ 18 लाख रुपये डकार गई कार्यदायी संस्था
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बस्ती। सरकारी अस्पतालों को फायर सेफ्टी देने के लिए जिस संस्था जिम्मेदारी दी गई, वह कार्य कराए बगैर ही सरकारी रकम पर कुंडली मार कर बैठ गई है। सरकारी रकम फंसने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। पत्राचार के बाद भी कार्यदायी संस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

वित्तीय वर्ष 2017-18 में लखनऊ की एक संस्था को फैजाबाद जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, श्रीराम संयुक्त चिकित्सालय अयोध्या, तथा बस्ती के जिला अस्पताल, क्षय रोग चिकित्सालय, महिला अस्पताल, ओपेक चिकित्सालय कैली को आग से सुरक्षा के लिए संयंत्र लगाने की जिम्मेदारी दी गई। इस कार्य के लिए शासन की ओर से 12 करोड़ 18 लाख रुपये मंजूर किए गए। इसमें से कार्यदायी संस्था को छह करोड़ नौ लाख रुपये अवमुक्त भी कर दिए गए। इनमें से जिला चिकित्सालय फैजाबाद के लिए 74.97 लाख, जिला महिला चिकित्सालय फैजाबाद के लिए 74.28 लाख रुपये, श्रीराम संयुक्त चिकित्सालय अयोध्या के लिए 79.87 लाख, जिला अस्पताल बस्ती के लिए 114.04 लाख, जिला महिला अस्पताल बस्ती के लिए 83.93 लाख, क्षय रोग चिकित्सालय बस्ती के लिए 64.68 लाख, ओपेक चिकित्सालय कैली बस्ती के लिए 117.23 लाख रुपये अवमुक्त किए गए हैं। धनराशि अवमुक्त हुए एक वर्ष बीत गए, लेकिन कार्यदायी संस्था ने इन अस्पतालों की तरफ झांका तक नहीं, जबकि इन अस्पतालों में हर दिन काफी में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसके बावजूद इन अस्पतालों में आग से बचाव के उपाय अब तक नहीं किए जा सके हैं।इसको लेकर बात चीत करने पर जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एके सिंह का कहना है कि कार्यदायी संस्था से पत्राचार किया जा रहा है। धन अवमुक्त होने के बाद भी संस्था कार्य नहीं करा रही है। जिला अस्पताल के प्रभारी एसआईसी डॉ. राम प्रकाश ने कहा कि अस्पताल में फायर सेफ्टी की व्यवस्था नहीं है। ओपेक चिकित्सालय कैली की निदेशक डॉ. मंजू शर्मा वैश्य ने कहा कि कार्यदायी संस्था से पत्राचार किया जा रहा है। क्षय रोग चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एके राय ने कहा कि कार्यदायी संस्था ने जल्द ही कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है।

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