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उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने तृणमूल से 'दूरी' बनाई

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने तृणमूल से दूरी बनाई
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पश्चिम बंगाल में सीबीआई की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने अपने रुख में कुछ बदलाव किया है। पार्टी ने संसद के अंदर और बाहर तृणमूल कांग्रेस से थोड़ी दूरी बनाने की कोशिश की। संसद में सीबीआई कार्रवाई पर तृणमूल कांग्रेस के साथ कांग्रेस भी शामिल हुई, पर पार्टी सांसदों ने राफेल का मुद्दा उठाया।

सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने खुलकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन किया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद ट्वीट कर कहा था कि सीबीआई की कार्रवाई संवैधानिक संस्थाओं पर हमले की अगली कड़ी है। पूरा विपक्ष मिलकर फासीवादी ताकतों को हराएगा। पर मंगलवार को अदालत के आदेश के बाद रुख बदला है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कोलकाता में सीबीआई की कार्रवाई पर अदालत ने जो फैसला दिया है, उसको मानना सभी की जिम्मेदारी है। हमारी आपत्ति केंद्र सरकार के काम करने के तरीकों को लेकर है। सीबीआई ने जिस तरह राज्य सरकार को बताए बगैर वहां तमाशा किया, उस पर आपत्ति थी।

चुनाव की रणनीति

कांग्रेस के इस बदले रुख को पार्टी की लोकसभा चुनाव की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। पश्चिम बंगाल में अभी गठबंधन की तस्वीर साफ नहीं है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच एक बड़ा तबका गठबंधन की वकालत कर रहा है, पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में पार्टी को डर है कि गठबंधन नहीं होने की सूरत में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने होंगे। उस वक्त एक बार फिर सारदा घोटाले का मुद्दा उठेगा। इसलिए, पार्टी को ममता का समर्थन करने में एहतियात बरतनी चाहिए।

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