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उत्तर प्रदेश

आज भी हिन्दी पत्रकारिता भारतीय समाज व संस्कृति की रीढ़ है : डॉ. मनोज

आज भी हिन्दी पत्रकारिता भारतीय समाज व संस्कृति की रीढ़ है : डॉ. मनोज
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आज की मीडिया में नैतिक मूल्यों की प्रासंगिकता विषय पर हुआ व्याख्यान

वासुदेव यादव

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में आज की मीडिया में नैतिक मूल्यों की प्रासंगिकता विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में मुख्य वक्ता वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 मनोज मिश्र रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग के समन्वयक प्रो0 के0 के0 वर्मा ने की।

व्याख्यान को संबोधित करते हुए डॉ0 मनोज मिश्र ने कहा कि आज की मीडिया का विराट क्षेत्र हिन्दी पत्रकारिता ही है। समूचे भारत में बोली जाने वाली हिन्दी भाषा का गौरव हमारी संस्कृति एवं समाज में बसा है। वर्तमान संदर्भ में मीडिया की पहुॅच जन-जन की विचार धाराओं को पोषित कर रही है। ऐसी स्थिति में हिन्दी भाषा की प्रांसगिकता मीडिया के लिए काफी मायने रखते है। डॉ0 मनोज मिश्र ने बताया कि पत्रकारिता में बढ़ते सोशल मीडिया के प्रभाव ने पत्रकारिता की मुख्य धारा के समक्ष नई चुनौतियां खड़ी कर दी है। सोशल मीडिया पर राष्ट्र हितों को प्रभावित करने वाले तथ्यहीन भ्रामक संदेशों को पोस्ट कर पाठकों को भ्रमित करने की होड़ सी लग गई है। यह आवश्यक हो गया है कि पत्रकारिता जगत से जुड़े लोगों का उत्तरदायित्व और भी बढ़ता जा रहा है कि इन संदेशों से समाज के लोगों को भ्रमित होने से सजग किया जा सके। डॉ. मिश्र ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता भारतीय समाज एवं संस्कृति की रीढ़ है। उन्होंने कवि इकबाल की कविताओं का संदर्भ देते हुए कहा कि हिन्दी है हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा… विश्व में हमारी पहचान एवं सम्मान तभी तक सुरक्षित है जब तक हम अपने सांस्कृतिक एवं नैतिक मूल्यों से जुड़े है। भ्रामक खबरे समाज को विभाजित करती है इसलिए यह आवश्यक है कि कलम के सिपाही सदैव तत्पर रहे। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विभाग के समन्वयक प्रो0 के0 के0 वर्मा ने कहा कि वर्तमान संदर्भ में मीडिया के सामाजिक योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। मीडिया जनजागरण की प्रथम पाठशाला है। सामाजिक उत्तरदायित्वों के निर्वहन की राह मीडिया की मुख्य धारा ही तय करती है। जनमत के निर्माण से लेकर समर्थ सामाजिक परिवेश को तैयार करने का दायित्व पत्रकारिता का ही है। सोशल मीडिया से समाज को सजग रहने की आवश्यकता है। तथ्यों का चयन सोच समक्षकर किया जाये ताकि आम जनमानस के बीच पथप्रदर्शक के रूप में पत्रकारिता अपने दायित्वों का निर्वहन कर सके। कार्यक्रम की शुभारम्भ मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत विभाग के शिक्षक डॉ0 आर0एन0 पाण्डेय एवं डॉ0 अनिल विश्वा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 राजेश सिंह कुशवाहा द्वारा किया गया। इस अवसर पर ओंकार मिश्र, अभिनव सिंह, सूर्यकांत तिवारी, वैभव तिवारी, वासुदेव यादव, नन्द मोहन दीन कश्यप पांडेय, प्रशांत मिश्र सहित छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।

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