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उत्तर प्रदेश

6 फरवरी को राज्य कर्मचारियों की महा हड़ताल, पुरानी पेंशन बहाली पर नहीं बनी सरकार से बात

6 फरवरी को राज्य कर्मचारियों की महा हड़ताल, पुरानी पेंशन बहाली पर नहीं बनी सरकार से बात
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कर्मचारी, शिक्षक-अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच ने पुरानी पेंशन को लेकर सरकार से वार्ता बेनतीजा रहने पर 21 जनवरी से आंदोलन और 6 फरवरी से महा हड़ताल की घोषणा की है। शुक्रवार को यह जानकारी डिप्लोमा इंजीनियर संघ के कार्यालय में मंच से जुड़े पदाधिकारियों ने दी।

मंच के अध्यक्ष डॉ. दिनेशचंद्र शर्मा और संयोजक हरि किशोर तिवारी, पीसीएस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष 8 अक्तूबर को रैली के बाद सरकार ने दो महीने का समय मांगा था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर नौ सदस्यीय समिति की हुईं पांच बैठकें भी बेनतीजा रहीं।

इस समिति का कार्यकाल 24 दिसंबर 2018 को खत्म होने के बाद 27 दिसंबर को हुई बैठक का भी कोई हल नहीं निकला। इसके बाद मंच ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर एक सप्ताह का समय दिया। 3 जनवरी 2019 को मंच ने मुख्यमंत्री को दी गई समय सीमा समाप्त होने के बाद प्रदेश स्तरीय आंदोलन और महाहड़ताल का निर्णय लिया। हरिशंकर तिवारी ने बताया कि समिति के बारे में उच्च न्यायालय को भी बता दिया गया है।

उन्होंने बताया कि नई पेंशन व्यवस्था 14 साल में पूरी तरह से फेल हो गई है। सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को 700-800 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिल रही है। आठ लाख कर्मचारियों की मेहनत का पैसा शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है। यह स्वीकार नहीं है। 2005 से पहले सेवानिवृत्ति के बाद वेतन का 50 फीसदी मिलता है। महंगाई भत्ता समय पर मिलता है।

सेवानिवृत्ति के 15 साल बाद, 90 साल और 100 साल की उम्र पर भी विशेष फायदे मिलते थे, जबकि नई पेंशन में ये सब नहीं हैं। मीडिया प्रभारी मनोज कुमार श्रीवास्तव और संजीव गुप्ता ने कहा कि 21 जनवरी को जिलों में धरना-प्रदर्शन, 28 को सभी जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलूस और 6 से 12 फरवरी तक सात दिवसीय महाहड़ताल की जाएगी।

लाखों कर्मचारियों की पेंशन का कोई दावेदार नहीं

हरि किशोर तिवारी ने बताया कि नई पेंशन योजना का हाल ये है कि लाखों कर्मचारियों की पेंशन का कोई दावेदार नहीं है। पेंशन निदेशालय के पास ऐसे लाखों खाते हैं, जिनमें कर्मचारियों का पैसा है लेकिन वह कर्मचारी कहां है इसका पता नहीं है। पीडब्ल्यूडी के ही हजारों कर्मचारियों की सूची पेंशन निदेशालय के अधिकारियों ने मंच को दी है, जिससे उन्हें ढूंढा जा सके।

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