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उत्तर प्रदेश

शिक्षामित्रों पर शासन मेहरबान, भर्ती परीक्षा में शामिल होने को आज देना होगा प्रत्यावेदन

शिक्षामित्रों पर शासन मेहरबान, भर्ती परीक्षा में शामिल होने को आज देना होगा प्रत्यावेदन
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प्रयागराज । प्रदेश सरकार शिक्षा मित्रों पर मेहरबान है। इनको अब सहायक शिक्षा परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलेगा। इन सभी को परीक्षा संस्था ऑफलाइन प्रवेश पत्र जारी करेगा।

प्रदेश में परिषदीय स्कूलों की 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा से बाहर हुए शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है। शासन ने उन्हें बड़ी परीक्षा में शामिल करने का आदेश जारी किया है। अब शिक्षामित्रों को परीक्षा संस्था ऑफलाइन प्रवेशपत्र जारी करेगी। 'दैनिक जागरण' ने शिक्षामित्रों की पीड़ा को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय तमाम शिक्षामित्रों ने गलत प्रशिक्षण योग्यता का कॉलम भर दिया। उन्हें दूरस्थ बीटीसी का कॉलम भरना चाहिए लेकिन, उन्होंने विशिष्ट बीटीसी का आप्शन चुना। जांच में आयुसीमा अधिक होने से उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए। ज्ञात हो कि 16344 आवेदनपत्र निरस्त किए गए हैं।

इस पर शिक्षामित्रों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में गुहार लगाई कि वे शिक्षामित्र हैं, उनकी मानवीय भूल माफ की जाए। शिक्षामित्रों ने यह भी कहा कि यह परीक्षा सहायक अध्यापक बनने का अंतिम अवसर है इसलिए बाहर न किया जाए। बेसिक शिक्षा परिषद ने इस संबंध में शासन को पत्र भी भेजा। शासन के विशेष सचिव चंद्रशेखर ने आदेश दिया है कि ऐसे शिक्षामित्र जिनकी गलती से प्रशिक्षण योग्यता गलत हो गई है, उन्हें आयु सीमा का लाभ देते हुए प्रवेशपत्र ऑफलाइन दिए जाने की अनुमति दी जाती है।

आज साक्ष्य सहित दें प्रत्यावेदन

परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने निर्देश दिया है कि शिक्षामित्र अभ्यर्थी आज को शाम पांच बजे तक अनिवार्य रूप से सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 का ऑनलाइन आवेदन पत्र, रंगीन फोटो, आवेदनपत्र में अंकित फोटो पहचानपत्र की प्रति और शिक्षामित्र होने के साक्ष्य सहित अपना प्रत्यावेदन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी एलनगंज प्रयागराज कार्यालय को प्राप्त करा दें, ताकि उन्हें आयुसीमा में छूट देते हुए छह जनवरी की परीक्षा में शामिल कराया जा सके। यदि आज शाम तक शिक्षामित्र होने का साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करते हैं तो उन्हें लाभ देय नहीं होगा।

कई अभ्यर्थी कोर्ट की शरण में

लिखित परीक्षा का आवेदन निरस्त होने के बाद कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में उसे चुनौती दी है। उस पर न्यायालय ने परीक्षा संस्था से जवाब मांगा है।

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