सरकारें बदली लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वह है प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा और बच्चों की तकदीर
सुमित यादव की रिपोर्ट
उन्नाव सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। शिक्षा के मंदिर में नौनिहालों से पढ़ाई के अलावा सब कुछ करवा रहे इस शिक्षा के मंदिर के पुजारी। बच्चों से स्कूल में झाड़ू, लगवाना तो आम बात हो चुकी हैं। सरकारें बदली लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वह है प्रदेश के गरीब के बच्चों की तकदीर। हद तो तब हो गई जब प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष मा ह्रदय नारायण दीक्षित जी के निर्वाचन क्षेत्र भगवंतनगर के विकास खंड सिकंदरपुर कर्ण के प्राथमिक विद्यालय मैकुआँ खेड़ा में शिक्षकों ने मासूम बच्चियों से विद्यालय का शौचालय साफ कराते देखा गया।पिछली बसपा की सरकार ने हर ग्राम पंचायत में सफाई कर्मियों की भर्ती की ताकि गाँव और गाँव के विद्यालय साफ सुथरे रहे। लेकिन जिम्मेदारों की मिलीभगत से सफाई कर्मी कर रहे मातहतों की घर की सफाई और विद्यालयों की साफ-सफाई कर रहे विद्यालय के बच्चे। सरकार के फ़ेल हो चुके बेहतर शिक्षा के तमाम बड़े बड़े दावे।