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उत्तर प्रदेश

शिवपाल देंगे अखिलेश को तगड़ा झटका?

शिवपाल देंगे अखिलेश को तगड़ा झटका?
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लोकसभा चुनाव 2019 से पहले शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बनाने का फैसला कर समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका दे दिया। शिवपाल यादव द्वारा उठाया गया ये कदम पीएम मोदी और बीजेपी को चुनौती देने वाले संभावित सपा-बसपा गठबंधन के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। शिवपाल यादव के इस फैसले ने अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

'जब मुलायम सिंह यादव पार्टी के मुखिया थे और वो सरकार के साथ पार्टी की कमान भी संभाल रहे थे उस वक्त शिवपाल यादव संगठन का काम देखते थे। वहीं जब से अमर सिंह और आजम खान के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ है, ये केवल संगठन को ही कमजोर नहीं करेगा बल्कि कांग्रेस और बसपा के सामने समाजवादी पार्टी की स्थिति को गठबंधन की सूरत में कमजोर करने का काम करेगा।

सपा के सूत्रों के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव का कहना है कि अगर एकजुट रहे तभी पार्टी को सफलता मिलेगी लेकिन अखिलेश यादव की राय अपने पिता से इस मामले में काफी अलग है। आजम खान राज्य के मुस्लिमों को रिझाने में सफल होते नहीं दिखाई दिए हैं। वहीं, बीजेपी ने तीन तलाक और हलाला के गंभीर मुद्दों पर मुस्लिम समाज की महिलाओं को भी सोचने को मजबूर किया है। सपा नेता के अनुसार, पार्टी को बीजेपी जैसे ताकतवर दल का सामना करना है जिसने 2014 चुनाव में 73 सीटों पर कब्जा जमाया था। इसलिए इनके खिलाफ प्लानिंग के अलावा एकजुटता की जरूरत भी होगी ताकि अपने वोट बैंक में सेंध न लगने पाए।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम, दलित और ओबीसी ही बीजेपी के खिलाफ हथियार हैं लेकिन यूपी में सपा नेता खुलेआम आपस में लड़ रहे हैं जिससे एक गलत संदेश जाता दिखाई दे रहा है। ऐसा ही कुछ विधानसभा चुनावों के दौरान भी हुआ था। वहीं, शिवपाल यादव ने कहा कि वो छोटे दलों के साथ गठबंधन की कोशिश कर रहे हैं, उनको साथ लाने की कोशिश कर रहें जिन्हें नजरअंदाज किया गया और जिनको अपमानित किया गया। शिवपाल यादव ने कहा कि वो पूरी ताकत से लोकसभा चुनाव में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि उनके समर्थन के बिना केंद्र में कोई भी सरकार नहीं बनेगी।

शिवपाल ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया जा रहा था और उनको नजरअंदाज किया जा रहा था इसलिए उन्होंने अलग पार्टी का गठन किया। शिवपाल यादव चाहते थे कि पार्टी की कमान मुलायम सिंह यादव को दी जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, अखिलेश यादव ने शिवपाल के दावों को खारिज कर दिया।

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