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कांग्रेस की लूज डिलीवरी पर बल्लेबाजी कर रही भाजपा ने रन बटोरे

कांग्रेस की लूज डिलीवरी पर बल्लेबाजी कर रही भाजपा ने रन बटोरे
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जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का प्रचार जोर पकड़ रहा है, भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी चौके-छक्के की संख्या भी बढ़ती जा रही है।

वचन पत्र में कर्मचारियों के संघ की शाखा में जाने पर बैन लगाने की बात हो या फिर महिलाओं को टिकट देने संबंधी कमलनाथ का बयान। पिछले एक हफ्ते में कांग्रेस ने ऐसी कई लूज डिलीवरी दी है, जिस पर भाजपा ने आगे बढ़कर सियासत के चौके-छक्के जड़े हैं।

सूत्रों के मुताबिक भाजपा की चुनावी रणनीति भी यही है कि जैसे ही कांग्रेस की गेंद पर थोड़ा सा भी रूम(शॉट खेलने लायक जगह) मिले, उस पर चूकना नहीं है और जितने हो सके सियासी रन बटोरने हैं।

पिछले एक हफ्ते में हुए तीन-चार किस्से इसके उदाहरण भी हैं। वहीं कांग्रेस के 'गुस्सा आता है' चुनावी अभियान पर भी भाजपा पलटवार कर रही है। कांग्रेस द्वारा दिए गए मौके को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोज हो रही आठ से दस चुनावी सभाओं में जमकर भुनाते हैं, वहीं भाजपा की सोशल मीडिया व अन्य टीम भी इस पर काम करती है।

माफ करो महाराज पर कांग्रेस का पलटवार

भाजपा के चुनावी नारों पर कांग्रेस भी पलटवार कर रही है। भाजपा नेताओं की बयानबाजी पर सियासत का मौका तो कांग्रेस को अभी तक नहीं मिला, लेकिन 'माफ करो महाराज, हमारा नेता शिवराज' जैसे भाजपा के चुनावी नारों को काउंटर करने के लिए कांग्रेस ने भी अपनी चुनावी रणनीति तैयार की है। कांग्रेस ने 'माफ करो शिवराज' नारे के साथ एक और वीडियो श्रृंखला तैयार की है।

कांग्रेस की गेंद, जिन पर भाजपा ने रन बटोरे

- वचन पत्र में सरकारी कर्मचारियों के शाखा में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान। भाजपा ने इसे अपने हिसाब से टि्वस्ट किया और संघ पर प्रतिबंध लगाने से जोड़कर राजनीति की, कांग्रेस को सफाई देनी पड़ी।

- कमलनाथ ने महिलाओं को उम्मीदवार बनाने के सवाल पर कहा कि हमने सजावट के लिए महिलाओं को प्रत्याशी नहीं बनाया। भाजपा ने कांग्रेस को महिला विरोधी करार दिया।

- कमलनाथ का मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे संघ से बाद में निपट लेने की बात कर रहे हैं। भाजपा ने इस बात को हिंदू विरोधी बताकर खूब सियासत की।

संबित पात्रा पर एफआईआर के अलावा कांग्रेस को नहीं मिले ज्यादा मौके

- भाजपा ने कांग्रेस को विवादित बयानबाजी के जरिए सियासत चमकाने का मौका बहुत ज्यादा तो नहीं दिया, लेकिन नेशनल हेराल्ड केस में संबित पात्रा की प्रेस कांफ्रेंस को लेकर कांग्रेस ने जरूर खूब हल्ला मचाया। चुनाव आयोग ने भी संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर करवा दी।

इनका कहना है

भाजपा के पास उपलब्धि के नाम पर कुछ नहीं है। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री को खुले मंच पर चर्चा की चुनौती दी, लेकिन मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चर्चा से भागकर गैर जरूरी मुद्दों पर चिल्ला रहे हैं। कोई भी व्यक्ति तभी चिल्लाता है, जब उसके पास तथ्य न हों। भाजपा द्वारा जनता से सुझाव मांगना यह बताता है कि उसने 15 साल सरकार में कुछ नहीं किया।

- पंकज चतुर्वेदी, प्रवक्ता, कांग्रेस

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