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मां की तरह विदेशी हैं राहुल गांधी, नहीं हो सकते पीएम प्रत्याशी : बसपा

मां की तरह विदेशी हैं राहुल गांधी, नहीं हो सकते पीएम प्रत्याशी : बसपा
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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने बड़ा हमला बोला है. बीएसपी ने कहा है कि राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते क्योंकि वह अपने पिता राजीव गांधी से ज्यादा विदेशी मूल की अपनी मां सोनिया गांधी की तरह दिखते हैं. बीएसपी ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को सिर्फ मायावती ही टक्कर दे सकती हैं, इसलिए उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए.

बीएसपी के बयान पर बीजेपी ने ली चुटकी

बीएसपी के इस बयान के बाद बीजेपी ने चुटकी ली है. बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करके कहा है, ''महाठगबंधन का निर्माण होने से पहले की स्तिथि देखिए. बीएसपी का साफ़ कहना है कि चूंकि राहुल गांधी अपने पिता से अधिक अपने मां जैसे दिखते हैं और सोनिया जी विदेशी मूल की हैं, इसलिए राहुल जी कभी पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं! अभी तो ये शुरुआत है आगे आगे देखते जाइए होता है क्या.''

बीएसपी का कहना है कि मजबूत पीएम के लिए मायावती ही है जो मोदी को टक्कटर दे सकती हैं. बीएसपी उन राज्यों में कांग्रेस से गठबंधन करने के पक्ष में भी है, जहां कांग्रेस मजबूत है. अगर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन बन गया तो मायावती अपने पुराने क्षेत्र बिजनौर के नगीना सुरक्षित सीट या फिर अंबेडकरनगर से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं. हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह सब कुछ दोनों दलों के बीच गठबंधन बनने पर निर्भर करता है.

विश्लेषकों की राय में सियासी गलियारों में सभी पार्टी के नेताओं को इस बात का आभास है कि विपक्ष में इस वक़्त कोई ऐसी अकेली पार्टी नहीं है जो पीएम नरेंद्र मोदी को टक्कर दे सके, इसलिए विपक्ष के पास गठबंधन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. ऐसे में बीएसपी अपना दांव चल रही है और उसे पता है कि उसके बिना सियासत की जंग जीती नहीं जा सकती है.

दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि इस वक़्त दलित मोदी सरकार से नाराज है और अगर उसे एक साथ कर लिया गया तो चुनाव की कहानी बदल जाएगी. लेकिन यह भी हकीकत है कि देश में दलितों का सबसे बड़ा चेहरा मायावती हैं और उनकी आवाज पर ही दलित एकता मुमकिन हो सकेगी. चंद महीने बाद मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हैं और गठबंधन के शोर में मायावती की पार्टी इन राज्यों, खासकर मध्यप्रदेश में अपना जायज़ शेयर मांग रही है और ये बयान उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है.

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