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उत्तर प्रदेश

आंधी और बारिश से खरीद केंद्रों पर भीगा खुले में पड़ा गेहूं

आंधी और बारिश से खरीद केंद्रों पर भीगा खुले में पड़ा गेहूं
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गोरखपुर : गुरुवार की सुबह अचानक आई आंधी और तेज बारिश के जनपद के विभिन्न हिस्सों में खरीद केंद्रों पर खुले में पड़ा गेहूं भीग गया। हालांकि जिला स्तर पर मौसम खराब होने की सूचना मिलने पर पालिथीन और तिरपाल से गेहूं की बोरियों को ढंका गया था लेकिन तेज हवाओं में पोलिथीन और तिरपाल उड़ गई तो कुछ स्थानों पर जमीन पर हुए जल भराव से भी बोरियां भींग गई।
गोरखपुर जिले में 146 क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद 15 जून तक जारी है। हालांकि तय लक्ष्य से अधिक की खरीद अब तक की जा चुकी है। उसके बाद भी उत्पादन अच्छा होने से किसान क्रय केंद्रों पर बिक्री के लिए गेहूं लेकर आ रहे हैं। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इससे कोई नुकसान नही होगा, गर्मी इतनी ज्यादा है कि एक दो दिन में गेहूं की भीगी बोरियां सूख जाएंगी।
70 फीसदी गेहूं भंडार गृह पहुंचा
गोरखपुर जनपद में गेहूं खरीद के लिए 94000 मिट्रीक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया गया था। अब तक 96530 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। यह लक्ष्य का 102 फीसदी है। जिला विपणन अधिकारी राकेश मोहन पाण्डेय ने बताया कि अब तक हुई खरीद का 70 फीसदी गेहूं भंडार गृहों तक पहुंचा दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि प्रतिदिन 125 के करीब ट्रक भंडार गृहों पर पहुंच रहे हैं। उम्मीद जताई कि 15 जून तक शेष पड़ा 30 फीसदी गेहूं भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में पहुंचा दिया जाएगा। अतिरिक्त गेहूं के भंडार के लिए धुरियापार चीनी मिल और पिपराइच चीनी मिल का भी अधिग्रहण किया गया है। धुरियापार चीनी मिल में गेहूं का भंडारण शुरू हो चुका है। एक दो दिन में पिपराइच पर भी भंडारण का कार्य शुरू हो जाएगा।
खुले में पड़े गेहूं का भंडारण पहली प्राथमिकता
15 जून तक मानसून आने की संभावना जताई जा रही है। जिला विपणन अधिकारी कार्यालय ने सभी एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी है कि कहां कहां कितना गेहूं खुले में पड़ा है। ताकि प्राथमिकता के आधार पर ऐसे क्रय केंद्र जहां भंडारण की सुविधा नहीं है, और गेहूं खुले में पड़ा है उन्हें नजदीक के भारतीय खाद्य निगम के भंडार केंद्रों पर पहुंचा जा सके।
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