प्रो-टेम स्पीकर चाहे तो ये कर सकता है
BY Anonymous18 May 2018 12:17 PM GMT
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Anonymous18 May 2018 12:17 PM GMT
चूंकि शनिवार को होने फ्लोर टेस्ट में येदुरप्पा सरकार को बहुमत साबित करने के लिए आठ वोटों की और जरूरत होगी तो उन्हें स्पीकर के तौर पर ऐसे शख्स की जरूरत होगी, जो उनके लिए सुविधाजनक हो और दल बदल कानून की शिकायतों से भी बचा सके.
अगर स्पीकर चाहे तो व्हिप के खिलाफ जाकर वोट करने वाले या दलबदल कर दूसरी पार्टी में शामिल होने वाले विधायकों की अयोग्यता पर लंबे समय तक फैसला टाल सकता है. ऐसा ही काम कर्नाटक की पूर्व विधानसभा के स्पीकर ने भी किया था. एेसे ही वाकये आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में भी हो चुके हैं. सत्ताधारी पार्टी की सुविधा के लिए स्पीकर अपने फैसले को लंबे समय तक टालते ही रहे या फिर फैसला दिया ही नहीं.
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