बस बढ़ने वाले हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
कर्नाटक चुनाव के बाद आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (HPCL, BPCL, IOC) कर्नाटक चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि करने पर विचार कर रही हैं. आपको बता दें कि 24 अप्रैल से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई है. जबकि, इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड (कच्चा तेल) साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर है. वहीं, भारतीय रुपया 15 महीने के निचले स्तर पर है. इसका मतलब साफ है कि रुपया कमजोर होने से कच्चा तेल विदेशी बाजारों से खरीदना महंगा हो गया है ऐसे में कंपनियां पेट्रोल-डीजल महंगा कर सकती है. केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया बताते है कि 13 मई से पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम बढ़ना लगभग तय है. हालांकि, कितने बढ़ने इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. लेकिन मौजूदा समय को देखते हुए कंपनियों की लागत का अनुमान लगाए तो तीन रुपये तक दाम बढ़ाने की जरुरत है. लेकिन कंपनियां 1-1.5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर सकती है
कंपनियों ने बताया इसे महज संयोग-इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 24 अप्रैल से बदलाव नहीं करना इन्हें स्थिर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया कदम है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनावों के समय यह होना महज संयोग है
गुजरात चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था-गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2017 के पहले 15 दिनों में तेल कंपनियों ने प्रतिदिन ईंधन की कीमतों में 1-3 पैसे प्रति लीटर की कटौती की. इसके बाद 14 दिसंबर को मतदान पूरा होते ही कंपनियों ने तत्काल कीमतों को बढ़ाना शुरू कर दिया.