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उत्तर प्रदेश

CM योगी की हिन्दुत्ववादी छवि को कर्नाटक में भुनाने की तैयारी

CM योगी की हिन्दुत्ववादी छवि को कर्नाटक में भुनाने की तैयारी
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हिमाचल , गुजरात, त्रिपुरा के बाद अब कर्नाटक की बारी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब कर्नाटक के चुनावी रण में बतौर स्टार प्रचारक उतरने के लिए तैयार हैं। भाजपा ने अपने फायरब्राण्ड नेता की हिन्दुत्ववादी छवि को दक्षिण के इस अहम राज्य में भुनाने की तैयारी कर ली है। असल में कर्नाटक की चुनावी लड़ाई की अहमियत किसी से छिपी नहीं है। भाजपा जहां कर्नाटक जीत कर कांग्रेस मुक्त भारत का संदेश देना चाहती है तो कांग्रेस कर्नाटक बचाकर अपनी वापसी का। भाजपा के मंसूबे योगी के बिना पूरे होते नहीं दिखते। मुख्यमंत्री का कर्नाटक का चुनावी दौरा अगले महीने की तीन तारीख से शुरू हो रहा है। योगी के बारे में माना जाता है कि वह हंिदूू वोटों का भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण करा सकते हैं। योगी आदित्यनाथ पहले 3 व 4 मई को कर्नाटक के चुनावी दौरे पर रहेंगे। इसके बाद वह 7 से 10 तक लगातार चार दिन वहां जनता के बीच रहेंगे। इस दौरान उनका 35 जनसभाएं व रोड शो करने का कार्यक्रम है। ऐसे वक्त में, जब कर्नाटक में धर्म संप्रदाय भी चुनावी मुद्दा बना हुआ है और वहां का सियासी तापमान खासा गर्म है। दक्षिण के इस राज्य में भाजपा व कांग्रेस के बीच चल रहे चुनावी घमासान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका काफी अहम हो गई है। कांग्रेस ने ताकतवर लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने का दांव खेल दिया है। कांग्रेस मुखिया राहुल गांधी गुजरात की तर्ज पर वहां मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ पहले भी कर्नाटक में भाजपा के पक्ष में न केवल प्रचार कर चुके हैं, बल्कि कर्नाटक सरकार पर भी हमला कर चुके हैं। इस कारण वह कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के निशाने पर भी आ चुके हैं। दोनों के बीच ट्रिवटर युद्ध पहले ही हो चुका है जब सिद्धारमैया के ट्वीट का तीखा जवाब सीएम योगी ने ट्वीट कर किया था। माना जा रहा है कि योगी का प्रचार अभियान भाजपा के पक्ष में वोटरों को प्रभावित करेगा।
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