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महाभियोग नोटिस खारिज करने पर बोले पूर्व एजी सोली सोराबजी, नायडू ने दिमाग का सही इस्तेमाल किया
BY Anonymous24 April 2018 12:49 AM GMT
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Anonymous24 April 2018 12:49 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के फैसले का पूर्व अटॉर्नी जनरल (एजी) सोली सोराबजी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि नायडू ने फैसला लेने से पहले विधि विशेषज्ञों से राय ली। इसके बाद महाभियोग के लिए ठोस आधार नहीं पाए जाने पर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इस मामले में नायडू ने दिमाग का एकदम सही इस्तेमाल किया है।
सोराबजी ने कहा कि ऐसे मामलों को लंबा नहीं लटकाया जा सकता। नायडू के फैसले को विपक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की संभावना पर उन्होंने कहा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। नायडू ने फैसले में कहा है कि शासन के किसी भी स्तंभ को किसी के विचार के लिए कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। पिछले शुक्रवार को कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी दलों ने पांच आधार बताकर सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव नायडू को सौंपा।
इस प्रस्ताव पर 71 राज्यसभा सदस्यों के हस्ताक्षर थे, जिनमें 7 हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं। इसके बाद विपक्ष ने मीडिया को इस प्रस्ताव के बारे में पूरी जानकारी दी। यह पहली बार है कि किसी मौजूदा सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है।
पहले ही दिन खारिज कर देना चाहिए था प्रस्ताव : स्वामी
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी के मुताबिक उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को उसी दिन महाभियाग प्रस्ताव खारिज कर देना चाहिए था, जिस दिन इसे सौंपा गया था। दरअसल, उनका कहना है कि प्रस्ताव सौंपने के बाद सार्वजनिक कर देना संसदीय नियमों के खिलाफ है। इसी आधार पर प्रस्ताव खारिज किया जा सकता था। स्वामी ने नायडू के फैसले की सराहना की। संप्रग के समय अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरिन रावल ने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
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