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उत्तर प्रदेश

25 दिसंबर को बर्थडे मनायगी बीजेपी, इसलिए सिर्फ अटल ही...

25 दिसंबर को बर्थडे मनायगी बीजेपी, इसलिए सिर्फ अटल ही...
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भले ही पिछले दिनों भाजपा के कई कार्यक्रमों में मंच और होर्डिंग से अटल बिहारी वाजपेयी का चेहरा गायब रहा हो, पर पार्टी के रणनीतिकारों को एक बार फिर लोकसभा चुनाव की वैतरणी पार करने के लिए अटल नाम में ही संजीवनी दिखाई दे रही है।
निकाय चुनाव में कई स्थानों पर कम मतदान और छोटे शहरों व कस्बों में अपेक्षा के अनुसार परिणाम न आने से चिंतित रणनीतिकारों ने अटल के जन्मदिन के सहारे संगठन के जमीनी गड्ढे भरने की तैयारी की है।
पार्टी ने कार्यकर्ताओं से प्रदेश के सभी 1.40 लाख बूथों पर 25 दिसंबर को वाजपेयी का जन्मदिन सुशासन दिवस के रूप में मनाने को कहा है। इसके साथ ही पार्टी ने बूथ स्तर पर छह और कार्यक्रम भी तय किए हैं। यहां यह भी बताते चलें कि वाजपेयी ने 'स्वराज से सुराज' और 'शासन से सुशासन' का नारा देते हुए कांग्रेस के खिलाफ अभियान छेड़ा था।
तय किया गया है कि 25 दिसंबर को बूथ स्तर पर अटलजी का जन्मदिन मनाया जाए। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश और लोगों की तरक्की के लिए कराए गए काम बताए जाएंगे। साथ ही लोगों को बताया जाएगा कि फिर भाजपा की सरकार बनवाना क्यों जरूरी है।
कार्यकर्ताओं को लोगों की भलाई के लिए किए गए कामों के साथ-साथ राष्ट्र तथा लोगों के सम्मान व स्वाभिमान के लिए किए काम बताने को कहा गया है। वे लोगों को यह भी बताएंगे कि मुस्लिम तुष्टीकरण और जातिवाद समाप्त करने के लिए दूसरे दलों को पराजित करना जरूरी है।
अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के ऐसे नेता हैं जिनकी राजनेता के साथ ही निजी तौर पर भी दलीय सीमाओं से परे स्वीकार्यकता है। भले ही वह अस्वस्थता के चलते एक दशक से ज्यादा समय से लोगों के बीच न आ-जा पा रहे हों लेकिन उनका नाम आज भी वोट दिलाने वाला माना जाता है।
बीते दिनों में भाजपा नेताओं पर अटल की अनदेखी करने के आरोप अलग-अलग तरह से लगते रहे हैं, जिनकी व्यापक प्रतिक्रिया भी देखने को मिली। भाजपा के रणनीतिकारों को एहसास है कि यह प्रतिक्रिया और आगे बढ़ी तो पार्टी को नुकसान हो सकता है। विपक्ष भी इसका लाभ उठा सकता है। इसलिए वे अटल के जन्मदिन के बहाने ऐसी प्रतिक्रियाओं पर विराम लगाना चाहते हैं।
हालांकि पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि भाजपा कभी अटल के एजेंडे से अलग नहीं चली। रही जन्मदिन की बात तो भाजपा हमेशा इसे मनाती है। इस बार फर्क बस यह है कि लगभग 14 वर्षों बाद हम उत्तर प्रदेश में सत्ता में हैं।
इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि अपने शीर्ष नेता और आदर्श के जन्मदिन के सहारे अपने काम और सरोकारों को लेकर जनता के बीच जाएं। लोगों को बताएं कि मोदी और योगी सरकार ने किस तरह देश, समाज, गरीब, पिछड़ों, महिलाओं, बेरोजगारों और युवाओं के लिए काम किए हैं।
लेकिन जिस तरह की तैयारी है, उससे अटल के नाम के सहारे लोगों को लामबंद करने की ही कोशिश नजर आ रही है। पार्टी के उपाध्यक्ष बाबू राम निषाद के कथन से भी इसकी पुष्टि होती है। उनके अनुसार, वाजपेयी के जन्मदिन पर प्रत्येक बूथ पर भाजपा कार्यकर्ता हवन-पूजन करेंगे।
सफाई अभियान के साथ सरकारी योजनाओं की स्थिति पर लोगों से फीडबैक लिया जाएगा। यह जानकारी भी जुटाई जाएगी कि योगी सरकार के लगभग दस महीने के कार्यकाल पर लोगों की राय क्या है तथा वह और क्या अपेक्षा रखते हैं, जिससे 2019 की तैयारियों पर फोकस करते हुए उन कामों पर ध्यान दिया जा सके। बूथ पर संगठन की समीक्षा के साथ उसे और मजबूत करने का काम भी होगा।
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