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उत्तर प्रदेश

मेरठ में ठगी के अारोप में एसबीआइ के पूर्व बैंक प्रबंधक गिरफ्तार

मेरठ में ठगी के अारोप में एसबीआइ के पूर्व बैंक प्रबंधक गिरफ्तार
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लखनऊ : मेरठ में फर्जी नाम-पतों व जाली दस्तावेजों के जरिये भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के छह करोड़ रुपये हड़पने के मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने आरोपित तत्कालीन शाखा प्रबंधक मुकुट लाल बंसल (अब सेवानिवृत्त) को गिरफ्तार किया है। इससे पूर्व ईओडब्ल्यू ने मामले में गत दिनों दो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया था। ईओडब्ल्यू मेरठ इकाई के एएसपी राम सुरेश यादव के मुताबिक मामले में 25 से अधिक अन्य आरोपितों पर भी जल्द शिकंजा कसेगा।
स्टेट बैंक की मेरठ स्थित शारदा रोड शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक नवीन रायजादा ने 13 मई 2010 को ब्रह्मïपुरी थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। रिपोर्ट में एक सितंबर 2004 से 31 मई 2007 के मध्य फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोन हासिल किए जाने की बात कही गई थी। शासन ने 16 अप्रैल 2012 को इस मामले की विवेचना ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। जांच में सामने आया कि कार्तिक फाइनेंस कंसल्टेंट, मेरठ व अन्य 26 लोगों ने मिलकर स्टेट बैंक अधिकारियों से साठगांठ के चलते विभिन्न संस्थाओं में अपनी नियुक्ति दिखाई।
इसके बाद फर्जी नाम-पते व जाली दस्तावेजों के जरिए स्टेट बैंक की ब्रह्मपुरी, मेरठ शाखा से पर्सनल लोन हासिल किए गए। इस मामले में गत दिनों ईओडब्ल्यू ने निजी स्कूल में टीचर बिजेंद्र पाल व निजी बैंककर्मी ललितेश त्यागी को गिरफ्तार किया था। सोमवार को ईओडब्ल्यू की मेरठ इकाई ने इंद्रलोक कालोनी, हापुड़ निवासी तत्कालीन शाखा प्रबंधक मुकुट लाल बंसल को गिरफ्तार किया है। विवेचक इंस्पेक्टर रनवीर सिंह ने बताया कि जांच में सामने आया कि मुकुट लाल स्टेट बैंक की मेरठ की ब्रह्मपुरी शाखा में तीन जून 2005 से 29 मई 2007 के मध्य बतौर प्रबंधक कार्यरत थे।
उन्होंने तत्कालीन फील्ड आफिसर के साथ सांठगाठ कर बिना भौतिक सत्यापन के लोन स्वीकृत किए। जिन लोगों को जाली दस्तावेजों पर लोन दिए गए, उनमें कई खातों में बैंक का आइकार्ड नंबर एक ही पाया गया। दो लोन धारकों के घर का पता सेना के रिटायर मेजर जनरल के आवास का दर्शाया गया। जांच में पता चला कि लोन हासिल करने वाले दोनों शख्स उस आवास के सर्वेंट क्वार्टर में रहते थे। मामले में अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
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