रायबरेली में क्रूरता, मुस्तकीम ने तेरहवीं पत्नी को गला दबाकर मार डाला
BY Anonymous6 Oct 2017 6:54 AM GMT
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Anonymous6 Oct 2017 6:54 AM GMT
रायबरेली - देश कुछ ऐसे लोग भी है, जो विवाह का रिकार्ड बनाने की खातिर हत्या की करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। मामला रायबरेली के परदेशपुर का है, जहां एक युवक ने अपनी 13वीं पत्नी की हत्या कर दी। इसके बाद से वह फरार हो गया। पुलिस ने कल उसको गिरफ्तार कर लिया।
परशदेपुर के नसीराबाद थाना क्षेत्र में एक युवक ने अपनी तेरहवीं पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव को गांव के पास ही झाडिय़ों में फेंक दिया। चार दिन बाद महिला का शव मिलने के बाद परिवारीजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अमेठी जनपद के कोतवाली क्षेत्र जायस के पूरे जय सिंह मजरे उड़वा हेमराजपुर निवासी सत्तार ने चार वर्ष पहले अपनी लड़की रेशमा का निकाह फुरसतगंज थाना क्षेत्र के पूरे काले खां मजरे तेंदुआ निवासी मुस्तकीम के साथ किया था। मुस्तकीम का यह 13वां निकाह था। निकाह के सिर्फ दो वर्ष के बाद रेशमा और मुस्तकीम में झगड़ा होने लगा। विवाद से आजिज आकर सप्ताह भर पहले मुस्तकीम खुद अपनी ससुराल पहुंचा और ससुर सत्तार के पास गया। उसने कहा कि बेटी को ले आओ लेकिन रेशमा को लाने कोई नहीं गया।
परसों देर रात नसीराबाद थाना क्षेत्र के छूलामऊ गांव के बाहर एक महिला का शव देखा गया। उस शव की शिनाख्त रेशमा के रूप में हुई। इसके बाद परिवारीजनों ने रेशमा के पति पर तेजाब डालकर हत्या करने का आरोप लगाया। थानाध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने बताया कि तेजाब की बात सामने नहीं आयी। हत्या हुई है, इसलिए मुकदमा दर्ज कर आरोपी युवक को जेल भेजा जाएगा। पुलिस अधीक्षक शिव हरि मीणा ने बताया कि मुस्तकीम ने पत्नी की हत्या की है। तेजाब वाली बात झूठी है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुस्तकीम की तेरहवीं बीबी थी रेशमा
मृतका रेशमा मुस्तकीम की तेरहवीं बीबी है। रेशमा की मां बचपन में स्वर्ग सिधार गई। उसे पड़ोस की समीना ने पाल पोषकर बड़ा किया। गरीबी के कारण चार साल पहले मुस्तकीम के साथ उसका निकाह करा दिया। रेशमा की मौत की खबर पर नसीराबाद थाने पहुंची समीना उसकी लाश देखकर फूट-फूटकर रोने लगी। कहा कि मुस्तकीम ने 12 शादियां की थी। किसी महिला से उसकी पटरी नहीं खायी और उसने सभी को भगा दिया। मुस्तकीम के झांसे में आकर रेशमा का निकाह उससे करा दिया गया।
कैसे होगी मासूम की परवरिश
रेशमा के एक तीन माह का बच्चा है। उसका अभी नामकरण भी नहीं हो पाया कि उसके सिर से मां का साया उठ गया। अब उसे कौन पालेगा और वह कहां रहेगा, इसका फैसला भी नहीं हो सका है। रेशमा को पालने वाली सबीना की जिम्मेदारी पर बच्चा देने की सहमति थाने में बनी है।
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