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उत्तर प्रदेश

हाईकोर्ट से पेट्रोल के मिलावटखोरों को राहत नहीं

हाईकोर्ट से पेट्रोल के मिलावटखोरों को राहत नहीं
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हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आम जनता से घटतौली कर रहे पेट्रोल पंप मालिकों को कोई राहत नहीं दी। अदालत ने बचाव में आए पेट्रोल पंप मालिकों की कई याचिकाओं को एकसाथ खारिज करते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्तर के अधिकारी को इस मामले की विवेचना का जिम्मा दिया है। अदालत ने कहा है कि दो माह में जांच की कार्रवाई पूरी करें। इस मामले में आया कि पेट्रोल पंप मालिकों के अलावा पेट्रोल कंपनियों के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह में है। इसकी विवेचना चल रही है जिसे अदालत ने एसपी से कहा कि वह विवेचना करें।
यह आदेश न्यायमूर्ति ए आर मसूदी की खंडपीठ ने मेसर्स शिव नारायण एंड सन्स सहित अन्य कई याचिकाओं को खारिज करते हुए यह आदेश दिए हैं। मेसर्स शिव नारायण एंड सन्स पेट्रोल पंप की ओर से पेट्रोल पंप मालिक अमन मित्तल व अनूप मित्तल व अन्य ने हाइकोर्ट में याचिकाएं दायर कर कहा था कि उनके ऊपर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत कार्रवाई नहीं कि जा सकतीं। याचिकाएं दायर कर तर्क दिया गया और कि घटतौली के मामले में लीगल मैट्रोलोजी एक्ट के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
राज्य सरकार की ओर से सभी याचिकाओं का कड़ा विरोध करते हुए महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह अपर महाधिवक्ता वी के शाही व अपर शासकीय अधिवक्ता एस एन तिलहरी का तर्क था कि राज्य सरकार द्वारा की गई कार्यवाही उचित है । कहा कि छापेमारी के दौरान पेट्रोल पंप की मशीनों से इलेक्ट्रॉनिक चिप बरामद की गई हैं जिनका संचालन रिमोट के जरिये किया जाता था। कहा कि पेट्रोल पंप मालिक आम जनता के साथ षड्यंत्र करके घटतौली व धोखाधड़ी कर रहे थे जोकि समाज के लिए गलत है । राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि एस टी एफ व पुलिस द्वारा जो कार्यवाही की जा रही हैं वह कानून की दृष्टि में उचित है। विदित हो कि एस टी एफ और पुलिस ने छापेमारी कर प्रदेश के अनेक पेट्रोल पम्पों से घटतौली किये जाने वाली चिपे बरामद की थी जिसके तहत पुलिस ने पेट्रोल पम्प मालिकों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की थी। विवेचना के बाद पेश की गई चार्जशीटों को चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की गई।
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