पनामा पेपर्स कांड "नमो शऱणमं गच्छांमि" : प्रीती चौबे
BY Suryakant Pathak28 July 2017 2:33 PM GMT
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Suryakant Pathak28 July 2017 2:33 PM GMT
पनामा पेपर्स लीक कांड क्या है ? आसान शब्दो मे समझाने का प्रयास कर रही हूँ।
ध्यान रखिये, ताकि जानकारी रहे!
पनामा मध्य अमेरिका का एक छोटा सा देश है। पनामा में विदेशी निवेश पर कोई टैक्स नहीं लगता है इसी वजह से पनामा में लगभग 3.5 लाख गोपनाीय कंपनीयां है। पनामा में सेक फाॅन्सेका नामक फर्म विदेशीयों को पनामा में शेल कंपनी बनाने में मदद करती है जिसके जरिये कोई भी व्यक्ति संपत्ति को अपना नाम या पता बताये बिना खरीद सकता है।
इसी कंपनी के लीक हुऐ दस्तावेजों में दुनिया भर के बडे नेताओं प्रमुख खिलाडियों और अन्य बडी हस्त्तियों के नाम सामने आये हैं जिन्होनें अरबो डॉलर की राशि पनामा में छुपाई हुई है।
इनमें आइसलैंड और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ , यूक्रेन के राष्ट्रपति, सऊदी अरब के राजा और डेविड कैमरन के पिता का नाम प्रमुख है।
इनके अलावा लिस्ट में व्लादिमीर पुतिन के करीबियों, अभिनेता जैकी चैन और फुटबॉलर लियोनेल मेसी का नाम भी है।
कथित तौर पर टैक्स फायदे के लिए अपनाए गए तरीकों में 500 भारतीयों के भी नाम है। फिल्मी हस्ती अमिताभ बच्चन-ऐशवर्या राय,अजय देवगन,डीएलएफ कंपनी के मालिक केपी सिंह और उनके परिवार के नौ लोगों, अपोलो टायर्स-इंडियाबुल्स के प्रमोटर और गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी के नाम हैं।
इस लिस्ट में राजनेताओं के भी नाम हैं जिसमें छतीसगढ़ के सीएम रमन सिंह के पुत्र भाजपा सांसद अभिषेक सिंह, पश्चिम बंगाल के शिशिर बजोरिया और लोकसत्ता पार्टी के अनुराग केजरीवाल का भी नाम है।
दाऊद के पूर्व सहयोगी इकबाल मिर्ची भी इस लिस्ट में शामिल है, साथ ही इंडियाबुल्स के मालिक समीर गहलौत का नाम भी है।
पनामा पेपर्स में नाम आने पर आइसलैंड के पीएम इस्तीफा दे चुके है, पाकिस्तान के पीएम नवाज को वहां की कोर्ट ने अपदस्थ कर दिया है।
इस मामले में हमारे पनामा पेपर्स वाले भारतीय बहुत खुशनसीब है क्योंकि यहां सब "नमो शरणम गच्छामि" चलता है। आरएसएस का कोष भी इन्ही लोगो से भरा जाता है इसलिए सब राम भरोसे छोड़ दिया गया है। जनता को सुनाने के लिये वो वाला जुमला तो है ही - " न खाऊंगा न खाने दूँगा।
प्रीती चौबे
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