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उत्तर प्रदेश

अनाथ शबाना के एक मैसेज पर वाराणसी के डीएम ने दी यादगार 'ईदी'

अनाथ शबाना के एक मैसेज पर वाराणसी के डीएम ने दी यादगार ईदी
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वाराणसी : ईद के त्यौहार पर घर के बड़ों से ईदी का इंतजार रहता है। जिसके घर में बड़े न हों तो उसका तो त्यौहार ही बेकार हो जाता है, लेकिन वाराणसी की शाबाना के लिए इस बार की ईद जिलाधिकारी के प्रयास से बेहद यादगार रहेगी।

ईद का त्यौहार किसी मुस्लिम के लिए कितना मायने रखता है इसके प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में वाराणसी के डीएम ने एक ऐसी लड़की की गुहार पढ़ उसे तुरंत ईदी भेज दी जिसे सबसे ज्यादा जरूरत थी। यही नहीं उन्होंने बकायदा अधिकारियो को निर्देश देकर फरियादी लड़की के घर भेजा और युवती सहित उसके नानी और छोटे भाई को बाजार भेजकर पूरे ईद की तैयारी करवाई।

इस पूरे मामले पर फरियादी लड़की शबाना ने जहां डीएम योगेश्वर राम मिश्रा को तहे दिल से शुक्रिया किया वहीं यह भी माना कि आज तक उसे ऐसी ईदी नहीं मिली जैसा की उसके एक एसएमएस ने उसे दिला दी।

क्या है पूरा मामला
दरअसल कल दोपहर वाराणसी के मडुआडीह थाना क्षेत्र के शिवदासपुर की रहने वाली शबाना ने डीएम को एक एसएमएस किया कि उसके माता-पिता की 2004 में मौत हो गई और उसे अपना त्यौहार मानाने के लिए ना तो उसके पास पैसे हैं और ना ही नए कपड़े, मिठाइयां और सेवई, ये मैसेज डीएम साहब के सीयूजी नंबर पर आया था। जैसे ही डीएम वाराणसी योगेश्वर राम मिश्र ने इस मैसेज को पढ़ा उनकी आंखें भर आईं और उन्होंने एडीएम सदर सुशील कुमार गौड़ को तत्काल अपने पास बुलाकर निर्देश किया कि उनके सीयूजी नंबर और लोकेशन की जानकारी हासिल कर फरियादी शबाना और परिवार को ईद जैसे बड़े त्यौहार पर जरूरत की सारी चीजें मुहैया कराई जाएं।
इस आदेश के बाद एडीएम सुशील कुमार गौड़ तुरंत मौके के लिए रवाना हुए और जैसे ही शबाना के घर पहुंचे फरियादी के घर के बाहर स्थानीय लोगों का इकट्ठा होने शुरू हो गया। जब लोगों को इस बात की जानकारी हुई की डीएम वाराणसी योगेश्वर राम मिश्रा ने शबाना के किए हुए मैसेज पर इन अधिकारियों को भेजा हैं तो चोरों तरफ खुशी की लहर दौड़ गई।

ये मैसेज किया था शबाना ने
वाराणसी के डीएम को फरियादी शबाना ने एसएमएस करते हुए लिखा कि डीएम सर नमस्ते मेरा नाम शबाना है मुझे आप के हेल्प की जरूरत है। सर मेरे लिए सबसे बड़ा त्यौहार ईद है, सब लोग नए कपड़े पहनेंगे लेकिन हमारे परिवार में किसी के लिए भी नया कपड़ा नहीं आया है। सर मेरे माता-पिता नहीं हैं, वो 2004 में एक्सपायर हो चुके हैं। मेरे घर में मेरी नानी और छोटा भाई है, सर ईदी की खातिर मेरी मजबूरी को समझे।

क्या कहती है शबाना
नम आंखे लेकर डीएम को मैसेज करने वाली शबाना की आंखों में अब खुशी के आंसू हैं। शबाना ने कहा कि मैंने बड़ी मायूसी के साथ डीएम साहब को अपनी ईदी के लिए मैसेज किया था। मुझे इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि इतने बड़े अधिकारी को किया हुआ मैसेज वो तुरंत देखकर इस मामले पर इतने गंभीर भी हो जाएंगे। कल शाम को उन्होंने मेरे घर पर उपजिलाधिकारी सुशील कुमार गौड़ को भेजा जब उन लोगों ने मुझे बताया कि आप को हमारे साथ चलना है और मार्केटिंग करनी है तो मैं फूली नहीं समाई।

डीएम ने पेश की 'हिंदू' दिल की मिसाल
शबाना ने बताया कि डीएम ने जिन लोगों को उसके पास भेजा वो सभी मुझे अपने साथ ले गए और बाजार से मेरे लिए मेरी पसंद का सलवार शमीज, छोटे भाई के लिए जीन्स टी-शर्ट, शर्ट और जूते, नानी के लिए अच्छी साड़ी, इसके अलावा ईद पर बनाने के लिए सेवई और मिठाइयां दिलाकर मुझे वापस घर लाकर छोड़ा। डीएम को ईद की बधाई देते हुए शबाना कहती हैं कि अल्ला इस नेक दिल इंसान को दिन-दूनी और रात चौगुनी तरक्की दें और वो इससे बड़े अधिकारी बन कर मुझ जैसे गरीबों की हमेशा ऐसे ही मदद करते रहें।

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