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मोदी सरकार के 'स्किल इंडिया' मिशन को वर्ल्ड बैंक का समर्थन, दिया 25 करोड़ डॉलर का कर्ज
BY Suryakant Pathak26 Jun 2017 1:39 PM GMT
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Suryakant Pathak26 Jun 2017 1:39 PM GMT
विश्व बैंक ने भारत में युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के लिए 25 करोड़ डॉलर का कर्ज मंजूर किया है। इससे युवाओं को अधिक कुशल बनाया जा सकेगा, जिससे उन्हें रोजगार पाने में आसानी है। यह कदम कौशल भारत मिशन के अनुकूल है। विश्व बैंक ने कहा है कि वह भारत सरकार के युवाओं को अधिक कुशल बनाने के प्रयासों में समर्थन का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि इस सहयोग से युवा भारत की आर्थिक वृद्धि और समृद्धि में और अधिक योगदान कर सकेंगे। बैंक ने बयान में कहा कि 25 करोड़ डालर के कौशल भारत मिशन परिचालन (सिमो) को बैंक के कार्यकारी निदेशकों के बोर्ड ने मंजूर किया है।
इससे राष्ट्रीय स्तर पर 3 से 12 माह या 600 घंटे की अवधि के लघु अवधि के कौशल विकास कार्यक्रमों का बाजार के हिसाब से तर्कसंगता बढ़ सकेगी। इस कार्यक्रम के तहत 15 से 59 साल के बेरोजगारों या अनुकूल रोजगार से वंचित लोगों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें 1.2 करोड़ 15 से 29 साल के ऐसे युवाओं को भी शामिल किया जाएगा, हर साल श्रम बाजार में उतरते हैं। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को रोजगार और उद्यमशीलता के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे और उनका कौशल विकास किया जाएगा।
बता दें कि बीते साल आॅस्ट्रेलिया के एक थिंक टैंक ने भी भारत की मदद करने के लिए कहा था। आॅस्ट्रेलिया ने कहा था कि वह कौशल विकास सुधार के लिए भारत की मदद कर सकता है लेकिन उसे मौजूदा प्रशिक्षण व्यवस्थाओं पर मूलभूत शोध करने की जरूरत है। इसके साथ ही उसे ऐसी योजनाओं को भारत की दीर्घकालीन आर्थिक रणनीति के अनुरूप ढालना चाहिए। मेलबर्न के थिंक-टैंक आॅस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट (एआईआई) ने कहा कि 'स्किल इंडिया' भारत सरकार की एक बड़ी नीतिगत पहल है, जिसके तहत वर्ष 2022 तक 40 करोड़ भारतीय कर्मियों को पेशेवर प्रशिक्षण देने की बात कही गई है।
एआईआई ने 'स्थायी कौशल विकास' विषय पर हाल ही में जारी एक शोधपत्र में कहा, ''आॅस्ट्रेलिया कौशल सुधार में भारत की मदद कर सकता है लेकिन इसके लिए मौजूदा प्रशिक्षण व्यवस्थाओं पर मूलभूत शोध करने की जरूरत है और इस बारे में यह स्पष्ट बताना जरूरी है कि वह इसमें शामिल क्यों होना चाहता है? उसे कौशल विकास की योजनाओं को भारत की दीर्घकालिक आर्थिक रणनीति के समरूप बनाना चाहिए।'
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