MP में दो और किसानों ने की खुदकुशी, ठेले पर ले जाना पड़ा शव
BY Suryakant Pathak26 Jun 2017 12:05 PM GMT
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Suryakant Pathak26 Jun 2017 12:05 PM GMT
मध्य प्रदेश में कर्ज के बोझ से दबे किसान लगातार अपनी जान दे रहे हैं. आज टीकमगढ़ और छतरपुर में दो किसानों ने खुदकुशी कर ली है. मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के बाद अभी तक कुल 25 किसान अपनी जान दे चुके हैं.
खेत में फांसी लगाकर दी जान
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में बारे लाल अहिरबार ने खेत में फांसी लगाकर जान दे दी. अहिरबार के ऊपर करीब चालीस हजार का कर्ज था.
छतरपुर में 36 साल के किसान ने दी जान
छतरपुर जिले में 36 साल के भैयालाल कुशवाहा ने फांसी लगाकर जान दे दी. 36 साल के भैयालाल कुशवाहा पहले बटाई पर खेती करते थे, लेकिन भारी नुकसान के बाद वो मजदूरी करने लगे. परिवार के लोगों का कहना है कि आर्थिक तंगी की वजह से उन्होंने अपनी जान दे दी.
इतना ही नहीं, किसान का शव ले जाने के लिए कोई वाहन भी नहीं मिला जिसके बाद परिजन किसान के शव को ठेले पर रखकर ले गए. मृतक के भाई राकेश कुशवाहा के मुताबिक, भैयालाल कुशवाहा के तीन बच्चे हैं. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण बच्चों की पढाई का दवाव बढ़ गया था.
6 जून को मंदसौर गोलीकांड के बाद से अबतक मध्य प्रदेश में कर्ज से दबे 25 किसान खुदकुशी कर चुके हैँ. इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार ने एक आयोग का गठन किया है, जो फसल की लागत और उसकी बिक्री को लेकर जरूरी सिफारिशें देगा, लेकिन सवाल ये है कि क्या इस तरह मामला ढकने की कोशिशों से किसानों की समस्या का इलाज निकलेगा.
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