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फैजाबाद के पत्रकारो ने एक स्वर में की निंदा, दोषियों पर कड़ी कारवाई की मांग
BY Suryakant Pathak11 Jan 2017 3:57 PM GMT
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Suryakant Pathak11 Jan 2017 3:57 PM GMT
सोमवार की रात लखनऊ में घर वापस लौट रही एनबीटी की महिला पत्रकार को कार से गलत नीयत से घसीटने पर पत्रकारो ने कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। एक स्वर में सभी पत्रकारों ने घटना की निंदा की है तथा दोषियों पर कड़ी कारवाई की मांग की है।
पत्रकारो की सुरक्षा हेतु कड़े कानून बनाने की मांग भी सरकार से की गयी है।
वरिष्ठ पत्रकार वीएन दास ने कहा कि पत्रकारो की सुरक्षा को लेकर कड़े कानून बनना चाहिए। घटना की जितनी निंदा की जाय वह कम है। ऐसी घटना प्रदेश में किसी भी महिला के साथ नहीं घटना चाहिए। उपजा के प्रदेशीय नेता त्रियुगी नारायन तिवारी ने कहा कि पत्रकार सुरक्षा के लिए स्पेशल कानून की मांग कर रहे है। पत्रकारो पर हमला करने वालो के लिए कोई कड़ा कानून न होने के कारण अपराधियां का हौसला बुलंद है। घटना महिला से जुड़ी है इसलिए इसमें किसी भी प्रकार ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार अबुल बशर ने कहा कि यह घटना बेहद निंदनीय है। सपा घरेलू विवाद में फंसी रह गयी। पूरे पांच साल प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत खराब रही। अगर कोई पत्रकार अपना कर्तव्य इमानदारी से निभाए तो उसका काम करना कितना कठिन होता है। इस घटना के पीछे महिला पत्रकार द्वारा लिखी कोई खबर भी हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार बनवीर सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार में कानून व्यवस्था की हालत भी काफी खराब है। व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि कोई भी महिला बेरोकटोक असानी से अपने घर आ जा सके। जबकि वरिष्ट पत्रकार वासुदेव यादव प्रेमचन्द ने कहा की पत्रकारो की सुरक्षा के लिए स्पेशल कानून बनना चाहिए । जिससे वे भयमुक्त होकर काम कर सके। इस मामले को सरकार गंभीरता से ले और सख्त कार्यवाही करें ताकि ऐसी घटना अब फिर न हो सके।
पत्रकारो की सुरक्षा हेतु कड़े कानून बनाने की मांग भी सरकार से की गयी है।
वरिष्ठ पत्रकार वीएन दास ने कहा कि पत्रकारो की सुरक्षा को लेकर कड़े कानून बनना चाहिए। घटना की जितनी निंदा की जाय वह कम है। ऐसी घटना प्रदेश में किसी भी महिला के साथ नहीं घटना चाहिए। उपजा के प्रदेशीय नेता त्रियुगी नारायन तिवारी ने कहा कि पत्रकार सुरक्षा के लिए स्पेशल कानून की मांग कर रहे है। पत्रकारो पर हमला करने वालो के लिए कोई कड़ा कानून न होने के कारण अपराधियां का हौसला बुलंद है। घटना महिला से जुड़ी है इसलिए इसमें किसी भी प्रकार ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार अबुल बशर ने कहा कि यह घटना बेहद निंदनीय है। सपा घरेलू विवाद में फंसी रह गयी। पूरे पांच साल प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत खराब रही। अगर कोई पत्रकार अपना कर्तव्य इमानदारी से निभाए तो उसका काम करना कितना कठिन होता है। इस घटना के पीछे महिला पत्रकार द्वारा लिखी कोई खबर भी हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार बनवीर सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार में कानून व्यवस्था की हालत भी काफी खराब है। व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि कोई भी महिला बेरोकटोक असानी से अपने घर आ जा सके। जबकि वरिष्ट पत्रकार वासुदेव यादव प्रेमचन्द ने कहा की पत्रकारो की सुरक्षा के लिए स्पेशल कानून बनना चाहिए । जिससे वे भयमुक्त होकर काम कर सके। इस मामले को सरकार गंभीरता से ले और सख्त कार्यवाही करें ताकि ऐसी घटना अब फिर न हो सके।
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