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दिल्ली NCR

"मुझे घसीट कर ले जायागया, मेरे हाथ-पैर में दर्द है. मैं हाई ब्लड प्रेशन की मरीज़हूँ और मेरी हालत ठीक नहीं

मुझे घसीट कर ले जायागया, मेरे हाथ-पैर में दर्द है. मैं हाई ब्लड प्रेशन की मरीज़हूँ और मेरी हालत ठीक नहीं
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के लापता छात्र नजीब अहमद को खोजने के लिए दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से हिरासत में लिया और फिर कुछ घंटे बाद रिहा कर दिया.
हिरासत में लिए गए लोग दोपहर तीन बजे इंडिया गेट पर एक मार्च के लिए एकत्र हो रहे थे. इनके साथ नजीब की मां फ़ातिमा नफ़ीस भी थीं. उन्हें भी हिरासत में लिया गया और फिर छोड़ दिया गया.

"मुझे घसीट कर ले जाया गया, मेरे हाथ-पैर में दर्द है. मैं हाई ब्लड प्रेशन की मरीज़ हूँ और मेरी हालत ठीक नहीं है. मैं तो यही कह रही हूँ कि मेरा बेटा मुझे ला दो, मैं ये नहीं पूछने वाली कि वो कहां था, उसे कहां रखा गया . मैं बस उसे लेकर चली जाऊंगी."

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने बताया, "नजीब की मां समेत कई लोगों को हिरासत में लिया गया. नई दिल्ली के इस इलाक़े में धारा 144 लागू है और जो लोग जंतर-मंतर पर अनुमति लेकर प्रदर्शन करने पहुँचते हैं उन्हें भी सीधे वहीं पहुँचने की इजाज़त है. ये लोग जंतर-मंतर से इंडिया गेट जा रहे थे, जहाँ इन्हें जाने की अनुमति नहीं थी."

दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां 23 दिन से लापता नजीब अहमद का पता नहीं लगा पाई हैं. वहीं छात्र इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे. उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ने नजीब के मामले का संज्ञान लेने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा है कि वो गृह मंत्रालय से इस बारे में रिपोर्ट मांगेंगे."
छात्रों के हिरासत में लिए जाने के बाद केजरीवाल ने सवाल उठाया है कि दिल्ली पुलिस ने नजीब की मां को क्यों हिरासत में लिया है? बाद में उन्होंने ट्वीट किया कि नजीब की मां को छोड़ दिया गया है और वो सुरक्षित घर पहुँच गई हैं.
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