Janta Ki Awaz
व्यंग ही व्यंग

सत्ता की भूख ...बाला साहब का ...सपना हुआ चकनाचूर

सत्ता की भूख ...बाला साहब का ...सपना हुआ चकनाचूर
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बाला साहब का ।

सपने हुआ चकनाचूर ।।

आजीवन रहें ।

कांग्रेस से दूर-दूर ।।

खत्म हुआ ।

अटल जी युग ।।

बना ली दूरी ।

कुर्सी जरुरी ।।

पुत्र का हूक।

सत्ता की भूख ।।

बढ़ा दिया हाथ ।

घुर-विरोधी के साथ ।।

रखेगी जनता ।

ये सब हमेशा याद ।।

अभय सिंह की कलम से ...


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