Janta Ki Awaz
व्यंग ही व्यंग

व्यंग्यात्मक कविता : कृष्णेन्द्र राय

व्यंग्यात्मक कविता  : कृष्णेन्द्र राय
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बदल गयी सत्ता ।

आ गये इमरान ।।

बंद दाना-पानी ।

हाफ़िज़ ही है जान ।।

रूक गयी ख़ैरात ।

अमरीका ने ठोका ।।

चप्पलचोर पाकिस्तान ।

दिया सबको धोखा ।।

सादगी का नाटक ।

कर गया क्रिकेटर ।।

सजग रहना भारत ।

चालू किया थिएटर ।।

व्यंग्यात्मक लेखक : कृष्णेन्द्र राय

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