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व्यंग ही व्यंग

हे प्रभु! ये तुम्हारी माया नहीं तो और क्या मात्र 23 और 70 ही रखी गई

हे प्रभु! ये तुम्हारी माया नहीं तो और क्या मात्र 23 और 70 ही रखी गई
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मैं सरकार को दाद देना चाहता हूँ कि चौदह डिब्बों के पलटने के बाद भी, और स्थानीय लोगों के द्वारा सौ से बहुत ज्यादा लाशों को निकालने के बावजूद (सरकारी लोगों को तो छोड़ ही दीजिए), मरे हुए लोगों की संख्या मात्र 23 और घायलों की संख्या 70 ही रखी गई है।

एक स्लीपर कोच में बैठने की सीट होती है 72, लेकिन बिहार-यूपी-उड़ीसा वाली लाइन में 150 से कम लोग तो नॉर्मल दिनों में भी नहीं होते। फिर भी 14 से गुणा करने के बाद 72 सीट ही मानते हुए, कुल संख्या 1008 होती है।

हे प्रभु! ये तुम्हारी माया नहीं तो और क्या है कि मात्र 93 लोगों को ही नुक़सान पहुँचा है!

#Muzaffarnagar

अजीत भारती
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