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अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली दंगे पर विपक्ष को जमकर घेरा

अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली दंगे पर विपक्ष को जमकर घेरा
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गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में दिल्ली में दंगों पर बयान दिया. उन्होंने विपक्ष के हर हमले का जवाब दिया. सदन में चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने दिल्ली के दंगों की क्रोनोलॉजी भी समझाई. उन्होंने बताया कि कैसे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध, शाहीन बाग, हेट स्पीच ने दिल्ली में दंगे भड़काने का काम किया.

गृह मंत्री ने कहा कि CAA को लेकर अल्पसंख्यकों को गुमराह किया गया और बताया गया कि उनकी नागरिकता चली जाएगी. मैं बताना चाहता हूं कि CAA नागरिकता लेने का नहीं देने का कानून है. पीड़ित लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है, लेकिन अलग-अलग तरीके से काफी चीजें विपक्षी पार्टियों के द्वारा फैलाई गई हैं. लोगों को सीएए के खिलाफ भड़काया गया.

शाहीन बाग का धरना

अमित शाह ने इस दौरान ये भी बताया कि किस बयान के बाद शाहीन बाग में धरना शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक बड़े नेता 14 फरवरी को बयान देते हैं. वो लोगों को घर से बाहर निकलने की बात कहते हैं. कांग्रेस नेता कहते हैं कि अभी नहीं निकलोगे तो कायर कहलाओगे. आर-पार की लड़ाई करो. इस बयान के बाद 16 दिसंबर को शाहीन बाग में धरना शुरू होता है. बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग के इलाके में सीएए के खिलाफ आज भी प्रदर्शन जारी है. यहां पर बैठे लोग सीएए को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

नफरत फैलाने वाले बयान

इसके बाद अमित शाह ने हेट स्पीच का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि वारिस पठान 19 फरवरी को बयान देते हैं कि जो चीज मांगने से न मिले उसे छीनकर लेनी पड़ती है. वो यह भी कहते हैं कि हम 15 करोड़ 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे. उनके इस बयान के 5 दिन बाद 24 फरवरी को दिल्ली में हिंसा की शुरुआत हुई.

क्या कहा अमित शाह ने

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देशभर में सीएए के समर्थन में भी रैलियां निकली हैं. ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि प्रो-सीएए वाले लोग निकले इसलिए हिंसा हुई. कांग्रेस के नेता लोगों को घर के बाहर निकलने के लिए कहते हैं. ये हेट स्पीच नहीं है तो क्या है. इस बयान के बाद 16 दिसंबर को शाहीन बाग का धरना शुरू हो गया.

अमित शाह ने कहा कि एक स्पीच होती है 17 फरवरी को. कहा जाता है कि 24 फरवरी को ट्रंप जब भारत आएंगे तो हम बताएंगे कि भारत की सरकार क्या कर रही है. इसके बाद दंगों की शुरुआत होती है. वारिस पठान 19 फरवरी को कहते हैं कि जो चीज मांगने से नहीं मिलती उसे छीननी पड़ती है. इसके बाद 24 फरवरी को दंगे होते हैं.

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