Janta Ki Awaz
राष्ट्रीय

अमेरिका से पाक को फिर पड़ी डांट, कहा- कश्‍मीर मुद्दा उठाने से पहले आतंकी हमले बंद करो

अमेरिका से पाक को फिर पड़ी डांट, कहा- कश्‍मीर मुद्दा उठाने से पहले आतंकी हमले बंद करो
X

अमेरिका ने पाकिस्‍तान से कहा है कि अगर वह कश्‍मीर के मामले पर अपनी आवाज सुनाना चाहता है तो पहले उसे सीमापार से हमलों को बंद करना होगा। पाकिस्‍तानी अखबार डॉन के अनुसार, अमेरिकी सरकार के अधिकारियों और थिंक टैंक ने कश्‍मीर मुद्दे पर नवाज शरीफ के विशेष दूतों को यह संदेश दिया। ये दूत कश्‍मीर मुद्दे पर अमेरिका का समर्थन लेने के मकसद से गए थे और पांच दिनों तक उन्‍होंने इस संबंध में प्रयास किया। इस दौरान पाकिस्‍तानी दूतों ने यात्रा के पहले दिन चेतावनी दी कि अगर कश्‍मीर मुद्दे पर अमेरिका ने दखल नहीं दिया तो वह चीन-रूस-ईरान के साथ हो जाएगा। साथ ही कहा कि यदि भारत ने बलूचिस्‍तान का मुद्दा उठाया तो पाकिस्‍तान नक्‍सलियों को बढ़ावा देगा।

यात्रा के अंतिम दिन पाक अधिकारियों ने कहा कि नीति निर्माण में आतंकवाद का कोई रोल नहीं है और पाकिस्‍तान की जमीन से गैर राज्‍य तत्‍वों को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एक अधिकारी मुशाहिद हुसैन सैयद ने कहा कि संसद में इस मुद्दे पर सर्वसम्‍मति है, वहां पर सभी पार्टियों ने सरकार से आतंकवाद को रोकने के लिए 22 पॉइंट का प्रस्‍ताव पेश किया है। डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि शरीफ के सलाहकारों ने नोटिस किया कि आतंकवाद के चलते पाकिस्‍तान की छवि को गहरा नुकसान हुआ है। साथ ही कश्‍मीर के मुद्दे पर इसकी आवाज कमजोर हुई है। साथ ही उरी हमले के चलते कश्‍मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद चल रहे तनाव की खबरें भी साइडलाइन हो गई।

डॉन के लेख के अनुसार, शुरुआत में अमेरिकी अखबारों ने कश्‍मीर के मुद्दे पर भारत की आलोचना की। लेकिन हमले के बाद कवरेज आतंकवाद की ओर चली गई। कई रिपोर्ट में तो सीधे तौर पर पाकिस्‍तान को जिम्‍मेदार ठहराया गया। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की बैठक में पाकिस्‍तान को अलग कर दिया गया। शरीफ के सलाहकारों ने यात्रा के आखिरी दिन कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए अच्‍छा काम कर रहा है। उम्‍मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्क समिट में शामिल होने के लिए मना लिया जाएगा।

Next Story
Share it