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2जी घोटाला: कोर्ट के फैसले पर पूर्व CBI निदेशकों के बयान, एक खुश तो दूसरा नाखुश

2जी घोटाला: कोर्ट के फैसले पर पूर्व CBI निदेशकों के बयान, एक खुश तो दूसरा नाखुश
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नई दिल्ली: 2जी घोटाला जैसे बहुचर्चित मामले पर गुरुवार को आया सीबीआई की विशेष अदालत के जज ओ पी सैनी का फैसला लगातार चर्चा में बना हुआ है. पूरा देश विभिन्न माध्यमों पर इस केस और इस पर आए फैसले पर अपनी राय दे रहा है. इंडियन एक्सप्रेस से हुई खास बातचीत में सीबीआई के पूर्व प्रमुख जिन्होंने इस मामले की जांच का संचालन किया था ने भी न्यायाधीश ओ पी सैनी के फैसले पर अपना विरोध दर्ज कराया है.
जिस वक्त इस मामले की चार्जशीट कोर्ट में फाइल हुई उस वक्त सीबीआई के निदेशक रहे ए पी सिंह इंडियन एक्सप्रेस से कहते हैं कि वे आरोपियों के दोषमुक्त होने से 'निराश और आश्चर्यचकित' हैं. वहीं उनके उत्तराधिकारी और पूर्व सीबीआ निदेशक रंजीत सिन्हा का मानना है कि फैसला उनके ख्याल की "पुष्टि" करता है, क्योंकि उनके पद संभालने के बाद इस केस को लेकर लगातार उनकी आलोचना होती रही थी.
2 जी घोटाला: पूर्व सीबीआई निदेशक भी जांच के दायरे में
आपको याद दिला दें कि रंजीत सिन्हा 2012 से 2014 तक सीबीआई निदेशक थे और 2 जी मामले में विवादों ने उनके कार्यकाल के अंत तक उनका पीछा नहीं छोड़ा था. अपनी सेवानिवृत्ति के कुछ दिन पहले, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपने आपको भी इस मामले में शामिल करने के लिए कहा था और फिर उनके आवासीय एंट्री रजिस्टर का मामला सामने आया, जिसमें पता चला कि 2 जी मामले (और साथ ही कोयला घोटाले) में नामित कुछ कंपनियों के अधिकारी उनसे अक्सर मिलने वालों में से थे. रंजीत सिन्हा वर्तमान में इस मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं.
गलत दिशा में जा रही थी 2जी मामले की जांच: रंजीत सिन्हा
पूर्व निदेशक अब संक्षेप में कहते हैं कि, सुनवाई अदालत के न्यायाधीश ने अपने फैसले में अब जो कहा है उसे वह सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे थे. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "उस समय भी मुझे लगा था कि 2 जी मामले में जांच गलत दिशा में जा रही थी. मैं इन तथ्यों को सर्वोच्च न्यायालय के नोटिस में लेना चाहता था लेकिन मेरी रिपोर्ट कभी भी जमा नहीं हो पाई. बेशक, यह सीवीसी था जो मेरे पीछे खड़ा था."
पूर्व निदेशक ने कहा मैं सीबीआई के साथ
सिन्हा के पूर्ववर्ती, ए पी सिंह, जो 2010-2012 के बीच सीबीआई निदेशक थे, तीन अलग-अलग आरोपपत्रों में सीबीआई द्वारा लगाए गए आरोपों का पूरी तरह से बचाव करते हुए कहते हैं कि उन्हें आश्चर्य होता है कि न्यायाधीश ने इस मामले को इतना जटिल क्यों पाया.
उन्होंने कहा, "हां, मैं आरोप पत्र में हमारे द्वारा लगाए गए आरोपों के पक्ष में खड़ा हूं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्वान और यूनिटेक जैसी कंपनियों ने 2जी आवंटन योजना में छेड़छाड़ की है. हर कोई इस बात को जानता है और इसलिए आज जो कुछ हुआ है, उसके लिए मुझे खेद है."
रंजीत सिन्हा को सुप्रीम कोर्ट ने किया था 2 जी मामले की जांच से अलग
खबर के मुताबिक नवंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने रंजीत सिन्हा को 2 जी मामले की निगरानी करने से मना कर दिया था क्योंकि उस वक्त कुछ ऐसी खबरें आ रही थीं कि वे 2 जी घोटाले मामले पर सुप्रीम कोर्ट को अलग-थलग शपथ पत्र प्रस्तुत करना चाहते थे. उस विवाद के बारे में, सीबीआई के पूर्व निदेशक सिन्हा अब कहते हैं: "अंदरुनी बातें लीक कर दी गई थीं और मेरे खिलाफ झूठा अभियान चलाया गया था. मेरी प्रतिष्ठा धूमिल हुई थी और इस अदालत के फैसले के साथ, मैं आज सही साबित होता नजर आ रहा हूं."
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